करीब दो माह बाद हुई झारखंड कैबिनेट की बैठक, 33 प्रस्ताव को दी गई मंजूरी
- झारखंड सरकार ने आय बढ़ाने के लिए थोक शराब व्यवसाय को निजी हाथों में सौपंने का लिया निर्णय
- आंगनबाड़ी रसोईया और सहायिकाओं के मानदेय में 500 रुपए की हुई बढ़ोतरी
- असिस्टेंट इंजीनियर अरुण कुमार को भ्रष्टाचार के आरोपों के वजह से किया गया बर्खास्त
रांची। कोरोना के वजह से करीब दो माह बाद शुक्रवार को झारखंड कैबिनेट की बैठक हुई। हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में झारखंड मंत्रालय में हुई कैबिनेट की बैठक में 33 प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। बैठक में निर्णय लेते हुए सरकार ने झारखंड में शराब के थोक व्यवसाय को एक बार फिर से निजी हाथों को सौंपने की बात कही। झारखंड में वर्ष 2010 से अब तक शराब का थोक कारोबार बेवरेज कॉरपोरेशन के हाथों में था। लेकिन इस बार सरकार ने एक बार फिर शराब के थोक ठेके प्राइवेट पार्टीज को देने का निर्णय लिया है।
बैठक में आंगनबाड़ी रसोईया और सहायिकाओं के मानदेय में सरकार ने 500 रुपए की वृद्धि की है। अब इन्हें 1500 के बदले 2000 रुपए प्रतिमाह मानदेय दिये जायेंगे। वहीं सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र के बिजली उपभोक्ताओं को राहत देते हुए 31 मई 2021 तक की तिथि तक बिल में लगने वाले अधिभार को माफ कर दिया है। वहीं बिजली उपभोक्ता बकाये की राशि को तीन किस्तों में जमा कर सकते हैं। दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत सरकार ने 100 करोड़ का अनुदान स्वीकृत किया है।
बैठक में ग्रामीण कार्य विभाग के विशेष प्रमंडल में पदस्थापित असिस्टेंट इंजीनियर अरुण कुमार को भ्रष्टाचार के आरोपों के वजह से बर्खास्त करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है। इसके आलावे कैबिनेट ने रिम्स में सिटी स्कैन मशीन की खरीदारी सिमेंस हेल्थकेयर से करने, राज्य में अवस्थित जलाशयों पर फ्लोटिंग सोलर संयंत्र के अधिष्ठापन हेतु प्रथम पेज के अंतर्गत गेतलसूद जलाशय (रांची) में 100 मेगावाट क्षमता का फ्लोटिंग सोलर संयंत्र प्लांट के अधिष्ठापन करने, राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान के चिकित्सकों (शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक) के 7वें पुनरीक्षित वेतनमान में वेतन पुनरीक्षण, शरद कुमार त्रिपाठी, जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश गढ़वा का त्यागपत्र स्वीकार करने, झारखंड इकोनामिक सर्वे 2020-21 को विधानसभा के पटल पर प्रस्तुत करने सहित अन्य कई बिन्दूओं पर कैबिनेट में स्वीकृति दी गई।