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एक वर्ष से खराब है चापानल, नदी का पानी पीने पर हैं विवश

गिरिडीह। तिसरी प्रखण्ड अन्तर्गत खटपोक पंचायत के पचरुखी आदिवासी टोला का चापानल खराब होने के कारण गांव के लोग पचरुखी दिवनजोत नदी का पानी पीने को मजबूर है। खराब चापानल के मरम्मती के लिए न तो कोई जनप्रतिनिधि और न ही कोई अधिकारी आगे आया है। इस संबंध में गांव की बुजुर्ग महिला दासनी बास्के ने बताया कि करीब 2 वर्ष पूर्व चापानल लगाया गया था। बताया कि एक वर्ष तक ठीक से काम करने के बाद से चापानल खराब पड़ा है। वार्ड सदस्य द्वारा पीएचडी विभाग को इसकी सूचना भी दी गई, लेकिन चापानल मरम्मती नहीं हो सकी। वहीं सुशीला हांसदा, सोनाली सोरेन, बिनोद टुडू, खुशबू टुडू, रसोई टुडू ने कहा गांव से करीब आधा किलोमीटर दूर स्थित पचरुखी दिवनजोत नदी से पीने योग्य पानी लाते हैं। यहां के ग्रामीण वर्षा ऋतु में नदी के बहाव वाला पानी पीने पर विवश हैं। इस वजह से उनके बच्चे और बड़े हर समय सर्दी खासी बुखार से पिड़ित रहते हैं।

जल्द होगा समस्या का समाधान

इस संबंध में पीएचडी विभाग के मिस्त्री एतवारी मण्डल ने बताया उन्हें चापानल खराब होने की कोई जानकारी नही थी। वे चापानल की वर्तमान स्थिति की जानकारी विभाग को देंगे। कहा कि विभाग से निर्देश मिलने के बाद चापानल की मरम्मती की जाएगी। खतपोक पंचायत के मुखिया मीना देवी ने कहा उन्हें भी इस सम्बंध में कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा जल्द ही चापानल का मरम्मत कराकर लोगों को पीने योग्य स्वच्छ पानी उपलब्ध कराया जाएगा।

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