वट सावित्री पूजा को लेकर सजा बाजार, बिक्री मे आई तेजी
कुलदीप
कोडरमा। वट सावित्री के व्रत का हिंदू धर्म में खास और महत्वपूर्ण स्थान है। सुहागिनें इस व्रत को अपने पति की लंबी आयु, स्वास्थ्य व समृद्ध जीवन के लिए करतीं हैं। यह व्रत संतान प्राप्ति के लिए भी किया जाता है। तिलैया के शिव मंदिर के पंडित रामप्रवेश पाण्डेय ने कहा कि प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ माह में कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि यह व्रत होता है। वर्ष 2021 में 10 जून को इस व्रत का आयोजन हो रहा है। इस अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए यह व्रत किया जाता है। बताया कि सुहागिने 10 जून को वट सावित्री का व्रत करेंगी।
वट सावित्री व्रत तिथि, मुहूर्त, महत्व, पूजन विधि
बुधवार को बाजार में सुहागिन महिलाएं सोना, चांदी, कपड़ा और पूजन सामग्री की खरीददारी करने में व्यस्त रही वहीं पार्लर बंद होने के कारण इस बार खुद घरों में मेंहदी रचाएंगी।इस बार के वट सावित्री को रोहिणी नक्षत्र और धृति योग के साथ शनि जयंती खास बना रहा है। यह संयोग विशेष शुभ फल कारक है। सनातन धर्म में वट सावित्री व्रत का विशेष महत्व है। इस दिन वट वृक्ष की पूजा की जाती है। यह व्रत हर साल ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन किया जाता है। इस बार अमावस्या तिथि 10 जून (गुरुवार) को पड़ रही है।
कब करें वट सावित्री व्रत
वट सावित्री व्रत 10 जून गुरुवार को होगा। अमावस्या तिथि प्रारंभ 09 जून की दोपहर 01रू57 से आरंभ हो रहा है। 10 जून की शाम 04रू22 को समाप्त होगा। व्रत पारण 11 जून शुक्रवार को होगा।
वट सावित्री व्रत पूजन सामग्री
वट सावित्री व्रत की पूजन सामग्री के लिए सावित्री-सत्यवान की मूर्तियां, बांस का पंखा, लाल कलावा, धूप-दीप, घी, फल-फूल, रोली, सुहाग का सामान, नैवेद्य, बरगद का फल, सिन्दूर, जल से भरा कलश आदि लगता है। बताते चलें कि बाजार में तार के पंखे 10 रुपये व बांस के पंखे 15 रुपये की दर से बिक रहे हैं।