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भारत बंद का गिरिडीह शहर में कोई खास असर नहीं, शिवमुहल्ला में बंद समर्थकों के साथ भिड़े भाजपा समर्थक कारोबारी

बंद समर्थक तीन दल अलग-अलग हिस्सों में निकले शहर में, कहीं अपील, तो कहीं जबरन बंद कराते दिखे समर्थक

गिरिडीहः
भारत बंद का कोई खास असर गिरिडीह में नहीं दिखा। जबकि बंद कराने के लिए एक साथ चार दलों के नेता और समर्थक अलग-अलग हिस्सों में निकले। लेकिन बंद समर्थकों के साथ शहर के शिवमुहल्ला में भाजपा समर्थक दुकानदारों के साथ मामूली झड़प जरुर हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो झामुमो के बंद समर्थक पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत भारत बंद को लेकर शहर के बाजार बंद कराने निकले थे। इसी दौरान बंद समर्थकों का जुलूस मोदी सरकार और कृषि बिलों के खिलाफ नारेबाजी करता हुआ शिवमुहल्ला पहुंचा। तो कई दुकानें खुली हुई थी। इस दौरान समर्थकों ने दुकानदारों से दुकान बंद कर लेने का अपील किया। लेकिन दुकानदारों ने दुकानों को बंद करने से इंकार कर दिया। इसके बाद बंद समर्थक और दुकानदार आपस में उलझ पड़े।

हालांकि नगर थाना प्रभारी रामनारायण चाौधरी पहले से पुलिस जवानों को लेकर बंद समर्थकों के साथ चल रहे थे। लिहाजा, बंद समर्थकों और दुकानदारों को उलझते देखा। मामला मारपीट तक पहुंच गया। दुकानदारों ने जबरन दुकानों को बंद कराने का कड़ा प्रतिकार करने लगे। लेकिन हालात देखते हुए नगर थाना प्रभारी दोनों पक्षों को शांत कराकर हटाया। इसके बाद माहौल समान्य हुआ।
इधर भारत बंद को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने बंद का समर्थन करने वाले राजनीतिक दलों से पार्टी के झंडा और बैनर बगैर बंद कराने का अपील किया था। लेकिन किसान संगठनों के अपील का कोई भी कोई असर नहीं हुआ। सुबह नौ बजे से राज्य के सत्ता पक्ष के दल झामुमो, कांग्रेस और भाकपा माले के नेता और समर्थक अपने-अपने पार्टियों के झंडा लिए बंद कराने निकल पड़े थे।

झामुमो की अगुवाई जहां सदर विधायक सुदिव्य कुमार सोनू के साथ गांडेय विधायक सरफराज अहमद और जिलाध्यक्ष संजय सिंह कर रहे थे। वहीं कांग्रेस के बंद का नेत्तृव जिलाध्यक्ष नरेश वर्मा और अजय सिन्हा मंटु कर रहे थे। कांग्रेस समर्थक बाईक से शहर में विरोध प्रदर्शन और बंद कराने निकले थे। जबकि भाकपा माले के नेता राजेश यादव के साथ राजेश सिन्हा और नौशाद अहमद चांद भी समर्थकों के साथ निकले थे। कृषि बिल के खिलाफ तीनों दल अलग-अलग हिस्सों में बंट कर बंद कराते नजर आएं।
इस दौरान बस पड़ाव में जहां लंबी दूरी के यात्री वाहन दोपहर 12 बजे तक बंद रहा। वहीं रोज की तरह शहर के बाजार खुले हुए थे। जबकि तीनों दल के बंद समर्थक कहीं बलपूर्वक बंद कराते नजर आएं। तो कहीं दुकानदारों से अपील कराकर उनके दुकानों को बंद कराया। कमोवेश, एक बार भ्रमण के बाद बंद समर्थक तीनों दल दुबारा बंद कराने निकले।

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