पक्ष विपक्ष के भारी हंगामे के बीच किसान बिल राज्यसभा से पास
नई दिल्ली। भारी हंगामे के बीच राज्यसभा से किसानों से संबंधित को विधेयक को ध्वनि मत से पारित किया गया। कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020 और कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020 के पारित होने के दौरान विभिन्न विपक्षी पार्टियां इसका पूरजोर विरोध करते नजर आए। किसी ने इसे किसानों का डेथ वारंट कहा तो किसी ने इसे किसानों को पूंजीपतियों के हाथ बेचने वाला विधेयक माना। इन सबके बीच पक्ष के सांसदों ने इसे पारित करवा दिया।
विपक्ष में
कांग्रेस ने इसे किसानों को पूंजीपतियों के पास गुलाम बनाने वाला विधेयक बताया। कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने कहा किये बिल किसानों की आत्मा पर हमला के समान है। इन विधेयकों पर सहमति किसानों के डेथ वॉरंट पर हस्ताक्षर करने जैसा होगा। वहीं टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने रूल बुक को फाड़ दिया और माइक भी तोड़ दिया। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि इस विधेयक के जरिए किसानों को पूंजीपतियों के हाथों में सौंपने का काम किया जा रहा है। समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि यह बिल किसानों के हित को नकारता है। यह किसानों का डेथ वारंट है।
पक्ष में
जदयू के सांसद रामचंद्र सिंह ने कहा कि बिहार 2006 में एपीएमसी अधिनियम से हटने वाला पहला राज्य था। तब से कृषि उत्पादन और खरीद एमएसपी के साथ बढ़ी है। वाईएसआर कांग्रेस के सांसद विजयसाई रेड्डी ने कहा कि पूर्व की सरकार मिडलमैन का समर्थन करती थी। किसानों को अपने उत्पाद को लाइसेंस प्राप्त बिचैलियों और उनके कार्टेल को बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा। शिवसेना के सांसद संजय राउत ने कहा कि अगर यह बिल किसान विरोधी है तो पूरे देश में विरोध क्यों नहीं हो रहा है? अगर पूरे देश में विरोध नहीं हो रहा है तो इसका मतलब है कि बिल को लेकर भ्रम, कुछ कन्फ्यूजन फैलाई जा रही है।
कृषि मंत्री कहा किसानों में क्रांतिकारी बदलाव आएगा
कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020 और कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020 पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि विपक्ष जिस न्यूनतम समर्थन मूल्य की बात कर रहे हैं, उसका इस विधेयक से कोई भी लेना-देना नहीं है। पूर्व में भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद हो रही थी और आगे भी कहा कि इस बिल से किसानों में क्रांतिकारी बदलाव आएंगे। वे अपनी फसल को कहीं भी मनचाही कीमत पर बेच सकेंगे। श्री तोमर ने कहा कि विपक्ष के द्वारा विधेयक के संबंध में गलत धारणा बनाई गई है।