पचंबा स्थित गोपाल गौशाला में एक नवंबर से होगा गौशाला मेला का आयोजन
- झारखंड सरकार के मंत्री बादल पत्रलेख करेंगे मेला का उद्घाटन
- 125 वर्षों से किया जा रहा है गौशाला मेला का आयोजन: ध्रुव संथालिया
गिरिडीह। गिरिडीह की उपनगरी पचंबा स्थित गोपाल गौशाला में छठ पर्व के दूसरे दिन मंगलवार से आठदिवसीय गोपाष्टमी उत्सव की शुरुआत होगी। इस अवसर पर लगने वाले मेला को लेकर समिति के द्वारा जोर शोर से तैयारी की जा रही है। गोपाष्टमी के मौके पर लगने वाला यह मेला बिहार एवं झारखंड का सबसे बड़ा मेला है जिसका आयोजन पिछले 125 वर्षों से किया जा रहा है। इस मेले में प्रतिदिन लगभग हजारों की संख्या में लोग आते है और मेला का लुत्फ उठाते है। जिसे देखते हुए मेला में झुलारू टोरा टोरा, ब्रेक डांस, तारा माचिस, मारुति सर्कस, सलैम्बो, नाव, मीना बाजार, लोहा का समान, बर्तन, मैजिक शो, खाने पीने की दुकान, श्रृंगार सामग्री आदि के स्टॉल लगाए जा रहे है।
आयोजन समिति के ध्रुव संथालिया ने बताया कि मेला का उद्घाटन मंगलवार की शाम को झारखंड सरकार के मंत्री बादल पत्रलेख करेंगे। जबकि मुख्य अतिथि के रूप में गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी व विशिष्ट अतिथि के रूप में विधायक सुदिव्य कुमार सोनू उपस्थित रहेंगे। वहीं सुबह में ही गौशाला प्रांगण में स्थित मंदिर में गौ प्रदर्शन एवं गौ पूजा की जायेगी। बताया कि मेला के दौरान प्रतिदिन शाम को 6 बजे से रात 10 बजे तक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। मंदिर परिसर में चलंत मुर्ती घर झारखंड एवं कृष्णा नगर पश्चिम बंगाल के कारीगरों के द्वारा बनाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि पुरे साल गौभक्त को पचम्बा में लगने वाले इस ऐतिहासिक मेले का इंतजार रहता है। इस मेले में कई तरह के ऐसे सामान मिलते हैं जो कि आम दिनों में आम दुकान पर उपलब्ध नहीं हो पाते हैं। दुकानदारों को भी मेले में अपना दुकान लगाने का इंतजार रहता है तथा सभी दुकानदार लगभग पिछले 50 वर्षों से अपनी-अपनी दुकानें लगाते आ रहे हैं। गौशाला प्रबंधन समिति एवं मेला आयोजन समिति के द्वारा मेले को व्यवस्थित रूप से एवं सुचारु रूप से चलाने के लिए चौड़े चौड़े रास्तों के साथ दुकानें लगाई गई है। साथ ही साथ यातायात व्यवस्था एवं अन्य व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन के साथ-साथ अपने भी कार्यकर्ता को लगाए जाने की व्यवस्था की गई है। मेले के सुचारू रूप से संचालन करने में जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, नगर निगम, अग्निशमन विभाग, विद्युत विभाग के साथ-साथ गौशाला के आसपास रहने वाले सभी ग्रामीणों का सहयोग रहता है।