छठ महापर्व को लेकर जारी दिशा निर्देश के बाद गिरिडीह विधायक ने सीएम से की मुलाकात
- विधायक ने ज्ञापन सौंप दिशा निर्देशों पर पुनर्विचार करने का किया आग्रह
- भाजपा प्रदेश अध्यक्ष जता चुके है असहमति, झामुमो व कांग्रेस ने भी की पुनर्विचार की मांग
- सरकार के निर्देश पर राज्य आपदा प्रबंधन समिति ने जारी किया था गाईड लाईन
रांची/गिरिडीह। झारखंड सरकार द्वारा छठ महापर्व को लेकर जारी किये गये गाइडलाईन के बाद गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार सोनू सोमवार को रांची पहुंचकर सीएम हेमंत सोेरेन से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने सीएम को ज्ञापन सौंपते हुए लोक आस्था के महापर्व छठ से संबंधित जारी किये गये गाइडलाईन पर पुनर्विचार करने की मांग की। उन्होंने ज्ञापन में कहा है कि आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जारी दिशा निर्देशों के अनुपालन के फलस्वरुप पूरे राज्य में छठ की परंपरा का निर्वहन असंभव हो जाएगा। उन्होंने मुख्यमंत्री से कोविड संक्रमण से बचाव के विभिन्न तरीकों को अपनाते हुए छठ व्रतियों को घाट पर जाकर सूर्यदेव की उपासना की स्वीकृति प्रदान करने की मांग की है।
भाजपा के बाद कांग्रेस और झामुमो ने भी जताई असहमति
छठ महापर्व को लेकर राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देश पर अब सरकार के प्रमुख दल झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस ने भी मुख्यमंत्री से पुनर्विचार करने की मांग की है। इससे पहले भाजपा अध्यक्ष दीपक प्रकाश भी सरकार के इस निर्देश पर असहमति जता चुके हैं। जेएमएम प्रवक्ता विनोद पांडे ने जहां इस बाबत मुख्यमंत्री से मिल एक पत्र सौंपा है, वहीं झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने वीडियो जारी कर सरकार के अधिकारियों के निर्णय पर नाराजगी भी जताई है। राजेश ठाकुर ने कहा कि यह निर्णय छठ के प्रति आस्था एवं विश्वास को ठेस पहुंचाने वाला निर्णय हैं।
कोरोना वायरस के संक्रमण फैलने से रोकने के लिए बताया गया था कारण
गौरतलब है कि रविवार को सरकार के निर्देश के बाद मुख्य सचिव सुखदेव सिंह की अध्यक्षता वाली राज्य आपदा प्रबंधन समिति ने छठ महापर्व को लेकर दिशा निर्देश जारी किया था। इस वर्ष 17 नवंबर से 21 नवंबर तक छठ पूजा निश्चित है। देर रात्रि जारी दिशा निर्देशों में कहा गया है कि राज्य में कोरोना वायरस के संक्रमण फैलने से रोकने के लिए सावधानी बरती जा रही है और छठ पर्व में चूंकि सभी लोग बड़ी संख्या में आसपास की नदी, तालाब एवं अन्य जल स्रोतों पर एकत्रित होते हैं और जल में सूर्योदय तथा सूर्यास्त पर स्नान करते हैं लिहाजा इससे लोगों में कोरोना संक्रमण के तेजी से फैलने की आशंका रहेगी। अधिसूचना में कहा गया है कि पानी के माध्यम से संक्रमण फैलने की आशंका के चलते ही राज्य में अब तक स्वीमिंग पूल नहीं खोले गये है।