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गिरिडीह मेयर सुनील पासवान का जाति प्रमाण पत्र निकला फर्जी, विभाग ने पद से किया मुक्त

झारखंड नगरपालिग निर्वाचित प्रतिनिधी एक्ट 2020 के प्रावधान के तहत हटाएं गए

गिरिडीहः
गिरिडीह के मेयर सुनील पासवान का जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया है। नगर विकास एंव आवास विभाग ने मेयर को अयोग्य घोषित करते हुए उनके सदस्यता को ही समाप्त कर दिया। गुरुवार दोपहर विभागीय सचिव विनय चाौबे ने इस संबध में अधिसूचना जारी किया है। जारी अधिसूचना में सचिव ने मेयर के संबध में गिरिडीह डीसी ने दिसबंर 2019 में नगर विकास विभाग को लिखित जानकारी दिया कि मेयर सुनील पासवान चुनाव के दौरान दिया गया जाति प्रमाण पत्र गलत है। इसके बाद एक जांच कमेटी ने भी जांच के दौरान डीसी के रिपोर्ट को सही पाया था। लिहाजा, जांच समिति ने मेयर को हटाने की सलाह भी दिया था। मेयर के जाति प्रमाण पत्र को लेकर डीसी राहुल सिन्हा ने कहा था कि सुनील पासवान ने जो जो प्रमाण पत्र दिया है। वह गलत है। इसकी जांच छानबीन समिति ने भी किया। और जांच में मेयर के निवास स्थान दिए गए प्रमाण पत्र के आधार पर मूल निवास स्थान नहीं पाया था। इसके बाद पासवान के खिलाफ दो सदस्यी जांच कमेटी बनाई गई थी। कमेटी ने मेयर को अपना पक्ष रखने का मौका भी दिया था। कमेटी के समक्ष रखे पक्ष को सही नहीं पाने पर छानबीन कमेटी ने 21 अक्टूबर को मेयर पासवान को पदमुक्त करने की बात कही। जानकारी के अनुसार जांच कमेटी के अनुंशसा पर सुनील पासवान को मेयर पद से हटाने का आदेश जारी किया। प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो झारखंड नगरपालिका निर्वाचित प्रतिनिधि एक्ट 2020 के अनुसार निर्वाचित व्यक्ति आरक्षित पद पर चुना जाता है और उसे अयोग्य पाया जाता है तो इस एक्ट के तहत अयोग्य पाएं गए व्यक्ति को हटाने का भी अधिकार है। इसी एक्ट के तहत मेयर को पदमुक्त किया गया है।
इधर मामले पर डीसी राहुल सिन्हा ने जानकारी लिया गया तो डीसी ने कहा कि फिलहाल ऐसी कोई जानकारी उन्हें नहीं है। अगर सचिव स्तर पर जारी अधिसूचना का लेटर मिला होगा। तो वे देख बता पाएगें। इस बीच जब पूर्व मेयर सुनील पासवान से संपर्क किया गया तो उनका नंबर नाॅट रिचेबल था।

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