आयुष्मान भारत योजना से हुई कमाई से गिरिडीह स्वास्थ विभाग खरीदेगा कई जीवन रक्षक उपकरण और दवाईयां
खरीदे जाने वाले उपकरण और दवाईयों की लिस्ट तैयार, डीसी ने दिया स्वीकृति
मनोज कुमार पिंटूः गिरिडीहः
पीएम आयुष्मान आरोग्य भारत योजना से पहली बार गिरिडीह सदर अस्पताल को इस साल एक करोड़ 25 लाख कमाई हुई थी। इस कमाई में सबसे बड़ी भूमिका मातृत्व शिशु स्वास्थ इकाई की रही। सदर अस्पताल को हुए कमाई का कुछ हिस्सा जहां स्वास्थ विभाग ने वैसे चिकित्सकों और स्वास्थ कर्मियों के बीच खर्च करने की बात कही। जिन लोगों ने कोरोना काल में संक्रमितों के इलाज में डटे रहे। तो कोरोना से जुड़ी सेवा के प्रति सक्रिय रहे। जबकि आयुष्मान योजना से हुए कमाई का शेष बचे हुए राशियों से कई उपयोगी उपकरणों और मेडिसीन खरीदने का निर्णय स्वास्थ विभाग ने लिया है। कोरोना के संभावित तीसरे लहर को देखते हुए स्वास्थ विभाग ने इसका निर्णय लिया। जिन उपकरणांे और मेडिसीन को स्वास्थ विभाग बचे हुए राशियों से खरीदेगी। उनका लिस्ट बनकर तैयार है तो इस लिस्ट की स्वीकृति संभवत डीसी राहुल सिन्हा ने भी दे दिया है।
ऽ स्वास्थ विभाग के सूत्रों की मानंे तो एक करोड़ 25 लाख के फंड के बची हुई राशि करीब 50 लाख से सबसे पहले सदर प्रखंड के बरमोरिया कोविद सेंटर में बने अस्थायी पेडीट्रिक अर्थात बच्चों के वार्ड के लिए पोर्टटेबल एक्स-रे मशीन के साथ उसके कई उपकरणों को खरीदने की तैयारी की जाा रही है। तो पेडीट्रिक वार्ड में ही लगे भेंटिलेटर के भी कई और उपकरण खरीदे जाएगें। और पेडीट्रिक वार्ड में वैसे मेडिसीन की खरीदारी होगी। जो जरुरत पड़ने पर संक्रमित बच्चों को दिया जा सके। स्वास्थ विभाग के सूत्रों की मानें तो बची हुई राशि से सदर अस्पताल में संचालित लैब के कई अतिरिक्त उपकरण और केमिकल तक की खरीदारी की प्लानिंग भी की गई है। साथ ही लैब के खराब पड़े उपकरणों के मरम्मति का फैसला भी इसी बची हुई राशि से करने का लिया गया है।