सदर हॉस्पिटल रेफरल के साथ ही बना लापरवाह हॉस्पिटल: राजेश सिन्हा
- चैताडीह हॉस्पिटल दूर रहने के कारण ही हावी रहता है लूट व्यवस्था
- माले ने की चौताडीह सदर हॉस्पिटल को शहर के सदर हॉस्पिटल में फिर से शिफ्ट करने की मांग
गिरिडीह। भाकपा माले के विधानसभा प्रभारी राजेश सिन्हा ने सदर हॉस्पिटल के लचर व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए व्यवस्था में सुधार लाने की मांग की है। शनिवार की सुबह पचम्बा थाना की रानी खावा की चंचला मिश्रा की मौत के बाद यह साफ हो गया है कि अस्पताल का लचर व्यवस्था और घूसखोरी व्यवस्था के बाद भी प्रसूता पर ध्यान नहीं दिया गया। जिसके कारण ही प्रसुता की मौत हुई है। उन्होंने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की।
कहा कि हॉस्पिटल में पेसेंट जाते ही प्राइवेट हॉस्पिटल के एजेंट की भूमिका में वहीं के स्टाफ आ जाते है जो घोर निंदनीय है। श्री सिन्हा ने कहा कि वैसे तो शहर के सदर हॉस्पिटल से चौताडीह सदर हॉस्पिटल को दूर ले जाना भी गलत निर्णय था। क्योंकि सदर हॉस्पिटल गिरिडीह में दूसरा मंजिला और तीसरा मंजिला दोनों खाली रहता है या सदर हॉस्पिटल शहर वाला में जगह की कमी नहीं है। कहा कि एक साजिश के तहत चौताडीह हॉस्पिटल को शहर से दूर रखा गया है। चैताडीह हॉस्पिटल दूर रहने के कारण ही लूट व्यवस्था हावी रहता है और प्राइवेट हॉस्पिटल का एजेंट भी हावी रहते है।
उन्होंने सरकार और उपायुक्त से मांग करते हुए कहा कि एक बार फिर से सदर हॉस्पिटल चौताडीह को गिरिडीह शहर वाले सदर हॉस्पिटल में लाया जाए। 90 प्रतिशत गड़बड़ी रुक जाएगी। इससे प्रशासन की निगरानी भी बढ़ेगी।