जेएसएलपीएस का लिंग आधारित हिंसा जागरूकता कार्यशाला का हुआ आयोजन
- न्यायिक मजिस्ट्रेट, डीडीसी, साइबर थाना प्रभारी समेत काफी महिलाए हुई शामिल
- खुले मंच से महिलाओं ने सुनाई अपनी व्यथा
गिरिडीह। झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसायटी ने राज्य स्तरीय शनिवार को लिंग आधारित हिंसा को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला का उद्घाटन न्यायिक मजिस्ट्रेट मोहित चौधरी, डीडीसी शशिभूषण मेहरा, जेएसएलपीएस के डीपीएम संजय गुप्ता, साइबर थाना प्रभारी आदिकांत महतो, नीति आयोग और बचपन बचाओ आंदोलन की जिला संमवयक अंजली कुमारी, बाल सरक्षण के जीतू कुमार, जिला विधिक सेवा प्राधिकर के पैनल अधिकवक्ता बिपिन यादव समेत अन्य अतिथियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।
कार्यशाला में जिले भर की कई ऐसी महिलाएं आई, जो झारखंड स्टेट लाइवलीहुड से जुड़ कर स्वयं सहायता समूह में घरेलू उत्पाद बनाकर अपनी आजीविका भी चला रही थी, तो घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न, मानसिक उत्पीड़न और यौन उत्पीडन की शिकार हुई थी। इस दौरान कार्यशाला में कई ऐसी महिलाओ ने खुद के साथ हुए ज्यादती को खुले मंच से शेयर भी की। जेएसएलपीएस के अलग अलग स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओ ने अपने दर्द को साझा करते हुए कहा की दहेज के लिए एक वक्त उन्हें हर प्रकार के टॉचर को झेलना मजबूरी हो चुका था।
इस दौरान कार्यशाला में मौजूद जेएसएलपीएस के डीपीएम संजय गुप्ता ने जानकारी देते हुए कहा की महिला स्वयं सहायता समूह में करीब 95 महिलाए जुड़ी हुई है। सिर्फ पांच फीसदी पुरुषों के साथ जेएसएलपीएस का संचालन किया जा रहा है। लेकिन जेएसएलपीएस मकशद मसमाज में प्रताड़ना की शिकार हो रही महिलाओ को सुरक्षा देना है। इसके लिए जेएसएलपीएस के महिला स्वयं समूह की एक एक महिलाओ को जागरूक किया जा रहा है वो कैसे काम कर सकती है।
इधर न्यायिक मजिस्ट्रेट मोहित चौधरी ने भी कहा की हर तरह की हिंसा की शिकार महिलाओं के लिए कोर्ट का दरवाजा हमेशा खुला हुआ है। उन्हे सहयोग देने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार भी तत्पर है। जरूरत सिर्फ जागरूकता का है। अब लिंग आधारित हिंसा को सहने के लिए किसी महिला को जरूरत नही है। इस बीच कार्यशाला को डीडीसी शशिभूषण मेहरा, साइबर थाना प्रभारी आदिकांत महतो ने भी संबोधित किया। जबकि कार्यशाला में काफी संख्या में महिलाओ के साथ जेएसएलपीएस की महिला कर्मी भी शामिल हुई।