अनलाॅक की प्रकिया के बीच आठ महीनें बाद खुला गिरिडीह का प्रधान गुरुद्वारा
चाौथे गुरु रामदास जी का मनाया प्रकाशोत्सव पर्व, भक्तों में दिखा उत्साह
गुरुद्वारा को सजाया गया भव्य तरीके से
गिरिडीहः
अनलाॅक की प्रकिया के साथ ही आठ महीनें बाद गिरिडीह शहर के स्टेशन रोड स्थित प्रधान गुरुद्वारा चाौथे गुरु रामदास जी महाराज के 486वां प्रकाशोत्सव पर खुला। आठ महीनों बाद दुबारा खुले गुरुद्वारा में सोमवार को वैसी रौनक तो नहीं रही। लेकिन सिख समुदाय के भक्तों का उत्साह इस दौरान जरुर नजर आया। रामदास जी के प्रकाशोत्सव को लेकर ही गुरुद्वारा की सजावट भी काफी भव्य तरीके से किया गया था। साथ ही दरबार साहिब को भी सजाया गया था। सिखों के चाौथे गुरु रामदास जी के प्रकाशोत्सव को लेकर गुरुद्वारा धार्मिक आयोजनों की शुरुआत अहले सुबह से हो गई थी। लेकिन दोपहर में भक्तों की भीड़ लगनी शुरु हुई। मौके पर समुदाय के गणमान्य लोगों के अलावे महिलाएं, युवतियां और बच्चें अरदास में शामिल हुए। स्थानीय रागी जत्था द्वारा जहां गुरुद्वारा में भक्तों के बीच शब्द-र्कीतन का आयोजन किया गया था। वहीं 48 घंटे से चल रहे अखंड पाठ का समानप भी शब्द-र्कीतन के साथ किया गया। काफी दिनों बाद प्रकाशोत्सव पर्व के मौके पर गुरुद्वारा पहुंचे भक्तों ने दरबार साहिब के समक्ष जहां मत्था टेका। वहीं उत्साह के साथ शब्द-र्कीतन में भी शामिल हुए।
तीन घंटे तक चले शब्द-र्कीतन में गुरुसिंह सभा के पदाधिकारियों द्वारा कोरोना के संक्रमण को देखते हुए खास तौर पर समाजिक दूरी के नियमों का पालन श्रद्धालुओं से कराया जा रहा था। गुरुद्वारा के भीतर प्रवेश से पहले जहां थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही थी। वहीं सैनेटाईज कर एक-एक भक्तों को प्रवेश करने दिया जा रहा था। इधर प्रकाशोत्सव पर्व को लेकर सिंह सभा के गुणवंत सिंह सलूजा, अमरजीत सिंह सलूजा, सतविंदर सिंह सलूजा उर्फ बंटी, तरणजीत सिंह सलूजा उर्फ मणि, जोरावार सिंह उर्फ सिल्की, ऋषि दुआ, राजेन्द्र सिंह बग्गा, देवेन्द्र सिंह, चरणजीत सिंह सलूजा समेत काफी संख्या में सिख समुदाय की महिलाएं मौजूद थी।