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दुमका उपचुनाव: बसंत को मिला ताज, लुईस को मिली मात

  • शहरी क्षेत्र में पिछड़ने के बावजूद 6,842 वोटों के अंतर से झामुमो ने जीत दर्ज की
  • सीएम हेमंत सोरेन के छोटे भाई बसंत सोरेन ने पहली बार लड़ा विस का चुनाव

रांची। झामुमो के यूथ विंग के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के छोटे भाई बसंत सोरेन ने झामुमो प्रत्याशी के रूप में भाजपा प्रत्याशी पूर्व समाज कल्याण मंत्री डॉ लुईस मरांडी को 6,842 वोटों के अंतर से हरा दिया है। बसंत सोरेन ने शहरी क्षेत्र में भाजपा से पिछड़ने के बावजूद जीत दर्ज की है। उन्होंने पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ा था। जीत के बाद कृषि मंत्री बादल के साथ बसंत सोरेन दुमका इंजीनियरिंग कॉलेज में बनाये गये मतगणना स्थल पहुंचे और निर्वाची पदाधिकारी सह एसडीओ महेश्वर महतो से जीत का प्रमाण पत्र प्राप्त किया।
जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त राजेश्वरी बी ने बताया कि झामुमो प्रत्याशी बसंत सोरेन को 80,559 और भाजपा की डॉ लुईस मरांडी को 73,717 वोट मिले हैं। 6,842 वोटों के अंतर से झामुमो प्रत्याशी बसंत सोरेन को विजयी घोषित किया गया है।

19 राउंड तक हुई मतों की गिनती

दुमका विधान सभा के 368 बूथों के 19 राउंड तक चले मतों की गिनती के दौरान 11वें राउंड तक भाजपा प्रत्याशी डॉ लुईस मरांडी आगे चल रही थीं। 12वें राउंड में 450 वोटों की बढ़त लेने के बाद बसंत सोरेन ने अंत तक अपनी बढ़त बनाये रखी। 2019 में हेमंत सोरेन ने दुमका सीट से 13,188 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी, पर बसंत उससे लगभग आधे वोटों के अंतर से चुनाव जीते हैं। हालांकि बसंत सोरेन को हेमंत के मुकाबले महज 448 वोट कम मिले हैं। पिछले चुनाव में 67,819 वोट लानेवाली डॉ लुईस मरांडी इस बार उससे 5,891 वोट अधिक लाने के बावजूद चुनाव हार गयी हैं।

नोटा रहा तीसरे स्थान पर, 10 प्रत्याशियों की जमानत जब्त

विधान सभा उप चुनाव में तीसरे स्थान पर नोटा रहा है। झामुमो व भाजपा सहित 12 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे पर 3,665 मतदताओं ने सभी प्रत्याशियों को नकारते हुए नोटा का बटन दबा दिया। इस चुनाव में भाजपा को छोड़ अंबेडकराईट पार्टी ऑफ इंडिया, झारखंड पीपुल्स पार्टी और 8 निर्दलीय सहित सभी दस प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गयी। जमानत बचाने के लिए प्रत्याशी को कुल पड़े मत का छठा हिस्सा लाना होता है। जमानत बचाने के लिए 26,909 वोट चाहिये थे पर अन्य 10 प्रत्याशियों को कुल मिला कर 7,176 वोट ही मिले हैं। 150 पोस्टल बैलेट रिजेक्ट कर दिये गये।

भाजपा के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों की मेहनत गयी बेकार

दुमका उपचुनाव में जीत के लिए भाजपा ने तीन-तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों को लगाया था, पर उनकी मेहनत बेकार चली गयी। भाजपा विधायक दल के नेता पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने उपचुनाव में पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में 200 से अधिक सभाएं की थी। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने दुमका और मसलिया में चैपाल कार्यक्रम कर भाजपा प्रत्याशी के लिए समर्थन मांगा था। केंद्रीय जनजाति मामलों के मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने भी कई बैठकें और सभाएं की थी। इसके अलावा भाजपा के गोड्डा, दुमका, कोडरमा के सांसद, कई विधायक, पूर्व विधायक और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सहित कई नेताओं ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी, बावजूद इसके 10 माह के अंतर में भाजपा दोबारा दुमका सीट हार गयी।

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