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उपायुक्त की अध्यक्षता में हुई जिला बाल संरक्षण ईकाई की बैठक

  • दिये आवश्यक दिशा-निर्देश
  • बाल हित में बेहतर कार्य करें अधिकारी: डीसी

कोडरमा। समाहरणालय सभागार में उपायुक्त रमेश घोलप की अध्यक्षता में जिला बाल संरक्षण ईकाई एवं बाल कल्याण समिति की बैठक हुई। बैठक में बाल संरक्षण ईकाई एवं बाल कल्याण समिति से संबंधित विगत छह माह के कार्यों की समीक्षा की गयी। बैठक में सर्वप्रथम उपायुक्त के द्वारा बाल संरक्षण ईकाई में कार्यरत सभी के कार्यों की एक-एक कर जानकारी ली गई। उपायुक्त ने प्रायोजन (स्पोंसरशीप) के मामले में अब तक किये गये बाल संरक्षण ईकाई के कार्यों की समीक्षा के क्रम में कहा कि बच्चों के प्रायोजन (स्पोंसरशीप) के मामले में ओर बेहतर कार्य करें। ताकि बच्चों का बेहतर भविष्य बन सके।


उपायुक्त ने जिला समाज कल्याण पदाधिकारी को निर्देश दिया कि बाल संरक्षण ईकाई एवं बाल कल्याण समिति आपस में समन्वय स्थापित कर बाल हित में बेहतर कार्य करें। उन्होंने जिले में बाल मजूदरी, बाल तस्करी, बाल विवाह से संबंधित मामलों को लेकर गांव स्तर तक लोगों को जागरुक करते हुए और बेहतर कार्य करने का निर्देश दिया। साथ ही बाल गृह में रहने वाले बच्चों का गृह सत्यापन किया जा चुका है, उन्हें जल्द से जल्द पुर्नवास करने का निर्देश दिया।
उपायुक्त ने बाल संरक्षण पदाधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि संबंधित विभाग एवं बाल संरक्षण के क्षेत्र में कार्य करने वाले सामाजिक संस्थाओं से समन्वय स्थापित कर ड्रॉप आउट बच्चे, वैसे बच्चे नामांकन विद्यालय में तो है परन्तु वे बच्चे विद्यालय नहीं आते, उन बच्चों का सर्वे कर डाटाबेस तैयार करने का निर्देश दिया। साथ ही उन्हें सरकार की विभिन्न योजनाओं से लाभांवित करने को कहा। उपायुक्त ने कहा कि बाल कल्याण समिति एवं बाल संरक्षण ईकाई को बाल हित में किये गये अबतक कार्यों व पुर्नावासित बच्चों का विस्तृत प्रतिवेदन तैयार करें।

बैठक में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी आरती कुमारी, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष रुपा सांमता, सदस्य अरुण कुमार ओझा, प्रवीण कुमार सिन्हा, सतेन्द्र नारायण सिंह, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी नरेंद्र सिंह, एलपीओ दिनेश पाल, पीओआईसी अर्चना ज्वाला व अन्य मौजूद थे।

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