बंगाल में नक्सली हिंसा व हाथी के हमलों में मृतक के परिजन पायेंगे मुआवजा
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने की नौकरी देने की भी घोषणा
कोलकाता। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घोषणा की है कि राज्य के आदिवासी क्षेत्र जंगलमहल में माओवादी हिंसा के कारण जान गंवा चुके या लापता हुए लोगों के परिजनों को नौकरी और वित्तीय सहायता दी जाएगी। ममता बनर्जी ने मंगलवार को क्षेत्र में हाथियों के हमले में मारे गये लोगों के परिवार वालों के लिए भी नौकरी की घोषणा की। कहा कि माओवादी हिंसा के कारण जिनकी मौत हुई या एक दशक से अधिक समय से लापता हैं, उनके परिवार को चार लाख रुपये का मुआवजा और एक सदस्य को विशेष होमगार्ड की नौकरी दी जायेगी।
मालूम हो कि पश्चिमी मेदिनीपुर, पुरुलिया, बांकुड़ा और झाड़ग्राम जिलों में फैला जंगलमहल 2008 से 2012 तक माओवादी हिंसा से प्रभावित रहा है। पश्चिमी मेदिनीपुर जिले के खड़गपुर क्षेत्र में एक प्रशासनिक बैठक में ममता बनर्जी ने कहा है कि हमने नीतिगत निर्णय लिया है कि क्षेत्र में हाथियों के हमले में मारे गये लोगों के परिवारों को भी सहायता दी जायेगी। परिवार के एक सदस्य को विशेष होमगार्ड की नौकरी भी दी जायेगी। उन्होंने एक व्यक्ति को नियुक्ति पत्र भी सौंपा, जिसके परिवार के एक सदस्य की झाड़ग्राम में हाथी के हमले में मौत हो गयी थी। ममता बनर्जी ने यह भी घोषणा की कि जिन जूनियर कांस्टेबलों ने सेवा के पांच साल पूरे कर लिये हैं, उन्हें कांस्टेबल के तौर पर पदोन्नत किया जायेगा. इनकी संख्या इस साल 4,284 है।
मुख्यमंत्री ने राज्य के पुलिस महानिदेशक से कहा कि शेष लोगों को दुर्गा पूजा से पहले पदोन्नति का पत्र सौंप दिया जाये। दुर्गा पूजा अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में है। केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना के क्रियान्वयन पर बनर्जी ने कहा कि राज्य में पहले से ही हमारी अपनी स्वास्थ्य साथी योजना है। यदि केंद्र चाहता है कि हम आयुष्मान भारत लागू करें, तो उसके लिए 60 फीसद नहीं, बल्कि पूरा पैसा दिया जाये। उन्होंने पिछले महीने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखा था कि आयुष्मान भारत को पश्चिम बंगाल में तभी लागू किया जायेगा, जब केंद्र उसका शत-प्रतिशत वित्त पोषण करे और पैसा राज्य सरकार के मार्फत लगाया जाये।