सीएम हेमंत सोरेन और एमएलए बसंत सोरेन की बढ़ी मुश्किलें
- झारखंड हाइकोर्ट ने करीबियों की 400 कंपनियों के जांच के दिये आदेश
रांची। सीएम हेमंत सोरेन और उनके भाई विधायक बसंत सोरेन की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने इनसे संबंधित लोगों द्वारा 400 से ज्यादा कंपनी बनाकर अवैध कमाई और निवेश करने के मामले में सुनवाई करते हुए रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी को प्रतिवादी बनाया है। अदालत ने वादी की ओर से कोर्ट में पेश किए गए कंपनियों की जांच कर रिपोर्ट दो सप्ताह में मांगी है। साथ ही अदालत ने ईडी को भी इसकी जानकारी देने को कहा है।
याचिका में कहा गया है कि सरकार के नजदीकी अमित अग्रवाल और रवि केजरीवाल के सगे संबंधी ही इस तरह की कंपनी चलाते हैं। जिनमें झारखंड से कमाई गई राशि को निवेश कर होटल, मॉल सहित अन्य एसेट खरीदा गया है। प्रार्थी शिव शंकर शर्मा की ओर से 28 ऐसी कंपनियों का नाम कोर्ट में दिया गया है, जो मुखौटा कंपनियां हैं और जिनमें पैसा निवेश किया गया है। इसी पर अदालत ने रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी को प्रतिवादी बनाते हुए इन कंपनियों का जांच करने का निर्देश दिया है।
इधर महाधिवक्ता राजीव रंजन ने हेमंत सोरेन के खिलाफ हाई कोर्ट में हुई सुनवाई के मामले में प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि अदालत ने इस मामले में ईडी को सिर्फ याचिका की कॉपी सौंपने का निर्देश दिया है, जांच करने का नहीं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि वादी के अधिवक्ता की ओर से मीडिया में भ्रामक खबरें दी गई है। हालांकि उन्होंने यह माना है कि इस मामले में रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी को प्रतिवादी बनाते हुए वादी की ओर से सौंपी गई कंपनियों की जांच करने का आदेश दिया है।