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सेरुवा पंचायत में मनरेगा योजना में फर्जीवाड़ा चरम पर

मजदूरों के बजाय जेसीबी से काम कर लाखों की हो रही है फर्जी निकासी

गिरिडीह। गावां प्रखंड के सेरूआ पंचायत ने मनरेगा योजना के तहत फर्जीवाड़ा चरम पर पहुंच गया है और इस पर अब तक कोई अंकुश नहीं लगाया जा रहा है। जिससे मनरेगा के तहत मजदूरों को कोई काम नहीं मिल रहा है, बल्कि उन्हें मिलने वाली राशि ठेकेदारों द्वारा गलत तरीके से हड़प ली जा रही है।
इस संबंध में ग्रामीणों ने बताया कि सेरुआ गांव में लगातार मनरेगा योजना के तहत कराया जा रहे मिट्टी मोरम सड़क निर्माण व खेल मैदान निर्माण में मनरेगा मजदूरों को कार्य ना देकर जेसीबी मशीन से करवाया जा रहा है। कहा कि इससे भी बड़ी विडंबना यह है कि जिस मिट्टी मोरम सड़क का निर्माण कराया जा रहा है उसके बीचों बीच ट्रांसफार्मर खड़ा है। ग्रामीणों की माने तो ठेकेदारों द्वारा मनरेगा के तहत सरकारी राशि लूटने का अलग ही जरिया खोज लिया गया है और वह जरिया है एक मनरेगा योजना की पूर्ति करना और जब उसमे पैसे की निकासी हो जाए तो उसे बर्बाद कर उसी जगह दूसरी योजना लेना। इसका साक्ष्य सैरुआ गांव में मनोज सिंह के जमीन पर आसानी से देखा जा सकता है। जहां वर्ष 2020 में निर्माण किए गए टीसीबी को भरकर मिट्टी मोरम सड़क का निर्माण किया जा रहा है।

ग्रामीणों का यह भी कहना है कि मनरेगा के दिए गए शिकायत नंबर पर उनके द्वारा कई बार शिकायत किया जा रहा है मगर स्थिति जस की तस बनी हुई है।
इस स्थिति आखिर सवाल यह उठता है कि अगर इसी तरह योजनाओं में मशीनों का प्रयोग किया जायेगा और पैसो की निकासी की जाएगी तो फिर इससे मजदूरों को कैसे लाभ पहुंचेगा।

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