विभिन्न मांगों को लेकर दूसरे दिन भी अधिवक्ताओं ने स्वयं को न्यायिक कार्य से रखा अलग
- कोर्ट फीस में वृद्धि सहित विभिन्न मुद्दो को लेकर आर पार की लड़ाई को तैयार है अधिवक्ता संघ: चुन्नूकांत
गिरिडीह। कोर्ट फीस में किए गए बढ़ोतरी को वापस लेने सहित विभिन्न मांगों को लेकर शनिवार को अधिवक्ता न्यायिक कार्य से स्वयं अलग रखते हुए विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान जिला अधिवक्ता संघ के महासचिव चुन्नूकांत ने कहा की राज्य सरकार द्वारा बढ़ाए गए कोर्ट फीस की वापसी समेत अन्य मामलों में इस बार अधिवक्ता आर पार की लड़ाई के मूड में है। कहा की सरकार ने राज्य में अप्रत्याशित रूप से कोर्ट फीस में वृद्धि कर दी गई है, जिससे गरीब और कमजोर पक्षकारों पर अतिरिक्त बोझ गढ़ गया है। ऐसे में गरीब लोग न्याय नहीं पा सकेंगे। उन्होंने बताया कि अगले 8 अगस्त को रांची में संघ के पदाधिकारियों की बैठक है जहां आंदोलन की आगे की रणनीति तय की जाएगी।
संघ के उपाध्यक्ष बाल गोविंद साहू ने कहा कि सरकार शीघ्र सस्ता और सुलभ न्याय की बात करती है वैसे में बढ़ा हुआ कोर्ट फीस पक्षकारों पर एक बोझ है। जिसे सरकार को हर हालत में वापस लेना होगा। सदस्य विनोद पासवान ने कहा की राज्य में पीपीपी और एपीपी की बहाली अधिवक्ता पैनल से होना चाहिए। वहीं सदस्य विनोद यादव ने कहा कि राज्य में लंबे समय से एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करने की मांग की जा रही है किंतु ऐसा नहीं हो रहा है। आए दिन अधिवक्ताओं पर हमले हो रहे हैं उन्हें झूठे मुकदमे में फंसा कर प्रताड़ित किया जाता है। इसलिए सरकार अविलंब इस को लागू करें।
मौके पर अधिवक्ता तुलसी महतो, सन्नी कुमार, दीपक कुमार उजाला, विनोद कुमार बिंदु, दिनेश कुमार विश्वकर्मा, नागेश्वर तिवारी सहित कई अधिवक्ता उपस्थित थे।