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गुरुवार से भक्तों के लिये खुलेंगे माता के पट

कोविड-19 के गाइडलाइन के साथ भक्त छिन्नमस्तिका व भद्रकाली कर सकेंगे दर्शन
रामगढ़ एसडीओ कृति श्री ने रजरप्प दिन्नमस्तिके मंदिर का लिया जायजा

रांची। करीब सात माह बाद श्रद्धालुओं के लिए गुरुवार से कई रजरप्पा, भद्रकाली शक्तिपीठ व मंदिरों के द्वार खोल दिये जायेंगे। इसके लिए राज्य के तमाम मंदिरों में कोविड-19 के गाइडलाइन को लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है। रामगड़ की एसडीओ कृति श्री ने बुधवार को रजरप्पा स्थित छिन्नमस्तिका मंदिर परिसर का जायजा लिया और हर हाल में सोशल डिस्टेंस का कड़ाई से पालने करने का निर्देश दिया। मंदिर में कोई भी भक्त बिना मास्क के प्रवेश नहीं कर सकेंगे। साथ ही सभी को अपने हाथों को सैनिटाइज भी करना होगा। माता के दर्शन के लिए एक बार में पांच लोग ही गर्भगृह में प्रवेश कर सकेंगे।

मंगल आरती के बाद भक्तों के लिए खुलेगा पट

स्थानीय पुजारियों की माने तो छिन्नमस्तिका मंदिर का पट आम श्रद्धालुओं के लिए लगभग सात महीने यानी कुल 234 दिनों तक बंद रहा। लेकिन पुजारियों द्वारा हर दिन नियमित पूजा अर्चना की जा रही थी। इसलिए किसी प्रकार की विशेष आयोजन नहीं किया जायेगा। सुबह मंगल आरती के बाद श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के पट खोल दिए जाएंगे।

स्क्रीनिंग के बाद पांच-पांच की संख्या भक्त कर सकेंगे मां भद्रकाली के दर्शन

चतरा के ईटखोरी स्थित मां भद्रकाली मंदिर के प्रवेश द्वार पर ही यात्रियों को हैंडवॉश कराया जाएगा। इसके बाद उनकी स्क्रीनिंग कर पांच-पांच की संख्या में उन्हें माता के दर्शन व पूजा-अर्चना के लिए मंदिर में प्रवेश कराया जाएगा। मां की पूजा-अर्चना के बाद वे पिछले द्वार से होते हुए राम-जानकी, सहस्त्र शिवलिंगम और कोटेश्वर नाथ स्थल का दर्शन करते हुए वे महोत्सव स्थल होते हुए मंदिर के बाहर रोड पर निकल जाएंगे।

पहाड़ी मंदिर में दर्शन के बाद अरघा से करेंगे बाबा को जलार्पण

रांची के पहाड़ी मंदिर में गुरुवार से दर्शन व्यवस्था में बदलाव किया गया है। पहाड़ी मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को न केवल सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा बल्कि वे अरघा के माध्यम से जलार्पण कर सकेंगे। सावन में लगाए जाने वाले अरघा को फिलहाल स्थाई रूप से गर्भगृह के चारों ओर लगाया जाएगा।

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