डीएफसीसी को लेकर केंद्रीय सचिव ने मुख्य सचिव से मांगा सहयोग
झारखंड से गुजरेगा 200 किमी फ्रेट कॉरिडोर, कोडरमा में 1.92 एकड़ जमीन को लेकर अटका राज्यादेश
कोडरमा। दानकुनी से लुधियाना तक बिछ रहे लगभग 200 किमी पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का हिस्सा झारखंड होकर गुजरेगा। राज्य में इसकी प्रगति की रफ्तार तत्काल धीमी है। कार्य को प्रगति देने के लिए भारत सरकार के सचिव राजीव गौबा ने झारखंड के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह को पत्र भेजा है। उन्होंने पत्र के माध्यम से कहा है कि झारखंड के लिए प्रोजेक्ट काफी महत्वपूर्ण है और इसके लिए पीपीपी मोड पर बड़े पैमाने पर इनवेस्टमेंट होनेवाला है। लेकिन भूमि को लेकर झारखण्ड के विभिन्न जिलों की स्थिति प्रोजेक्ट के अनुकूल नहीं है। उन्होने मुख्य सचिव से तत्काल इसपर कार्रवाई की मांग की है। गौरतलब है कि पिछले महीने ही रेलमंत्री पीयूष गोयल ने भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इसी मामले में पत्र लिख चुके हैं।
क्या है कोडरमा की स्थिति
कोडरमा में जमीन के लिए राज्य सरकार को भुगतान होने के बाद भी मामला अबतक लंबित है। गोहल के 0.41 एकड़ जमीन का राज्यादेश नहीं मिल सका है। भूमि संबंधी 62.87 करोड़ का भुगतान भी लंबित है।
फॉरेस्ट क्लियरेंस का मामला भी लंबित
कोडरमा के तिलोकरी गांव की 0.015 एकड़ जमीन का म्युटेशन नहीं हुआ है। भूमि मामले से जुड़ा 66 करोड़ का भुगतान भी लंबित है। इतना ही नहीं 12 सितंबर 2019 से दूसरे चरण का फॉरेस्ट क्लियरेंस का मामला भी लटका हुआ है।