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जमीन रजिस्ट्री में डीडराईटर का फर्जीवाड़ा आया सामने, तो गिरिडीह के डीडराईटरों ने पैसे मांगने का आरोप लगाकर शुरु कर दिया आंदोलन

गिरिडीहः
गिरिडीह के रजिस्ट्री कार्यालय में डीडराईटरों और रजिस्ट्रार के बीच आरोप-प्रत्यारोप और आंदोलन के कारण रजिस्ट्री कार्याल चर्चाओं में है। एक तरफ दस्तावेज नवीस संघ के सदस्यों ने रजिस्ट्रार समेत कार्यालय कर्मियों पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाकर आंदोलन शुरु करते हुए रजिस्ट्री से खुद को अलग कर लिया है। तो दुसरी तरफ यह भी मामला सामने आया कि एक डीडराईटर जगदीश यादव ने फर्जी तरीके से जमीन रजिस्ट्री करा लिया। डीडराईटर जगदीश का फर्जीवाड़ा पकड़ में आने के बाद डीडराईटरों का संघ उसके समर्थन में यह कहकर उतर गया कि रजिस्ट्रार झूठ कह रहे है। क्योंकि पूरे दस्तावेज देखकर रजिस्ट्री हुई। वहीं अब इसी डीडराईटर संघ के समर्थन में भाकपा माले ने समर्थन देना शुरु कर दिया। इस बीच पूरे मामले को डीसी के पास भेजा गया है। मानाा जा रहा है कि डीसी के निर्देश के बाद डीडराईटर जगदीश यादव के खिलाफ केस तक दर्ज हो सकता है। वैसे जिस प्लाॅट का फर्जीवाड़ा सामने आया। उसके बाद इसी डीडराईटर ने सदर अचंल के पर्वतपुर मौजा के दो और प्लाॅट के रजिस्ट्ररी का दस्तावेज रजिस्ट्रार के पास भेजा है। फिलहाल दोनों का भी जांच किया जा रहा है।
दरअसल, फर्जीवाड़ा कर जमीन की रजिस्ट्री कराने वाले डीडराईटर जगदीश यादव एक माले नेता के रिश्तेदार बताएं जा रहे है। लिहाजा, डीडराईटरों के कार्य बहिष्कार का समर्थन माले द्वारा किया गया। वैसे शनिवार को भी डीडराईटर आंदोलन पर ही थे, और रजिस्ट्री कार्यालय में धरना पर बैठे थे। इस दौरान उनका आरोप भी पूर्व की तरह ही था कि रजिस्ट्रार अपने कर्मियों के माध्यम से डीडराईटरों से पैसे की मांग कर रहे है। हालांकि डीडराईटरों के आंदोलन से जमीन रजिस्ट्री के कार्य में कोई प्रभाव नहीं पड़ने का दावा रजिस्ट्रार मेहरा ने किया है।


जानकारी के अनुसार तीन माह पहले डीडराईटर जगदीश ने सदर अचंल के लखारी मौजा के खाता नंबर 58 और प्लाॅट नंबर 474 का रजिस्ट्री कराया था। उस वक्त कार्यालय के कर्मियों ने बगैर देखे इस प्लाॅट का रजिस्ट्री कर दिया। लेकिन कुछ दिनों पहले इसी डीडराईटर जगदीश ने जब सदर अचंल के पर्वतपुर मौजा के दो जमीन के रजिस्ट्री के लिए दस्तावेज दिए। तो कार्यालय के कर्मी मो. इलियास ने गड़बड़ी पकड़ा। और मामले की जानकारी रजिस्ट्रार को दिया। इसके बाद रजिस्ट्रार ने इलियास को पहले वाले लखारी मौजा के किए गए रजिस्ट्ररी के दस्तावेज की जांच करने को कहा। इसमें गड़बड़ी सामने आने के बाद रजिस्ट्रार ने हाल में दिए पर्वतपुर मौजा के जमीन के रजिस्ट्री पर रोक लगा दिया। साथ ही लखारी के रजिस्ट्री किए गए जमीन का रजिस्ट्री रद्द करने की प्रकिया में जुट गए। इसके बाद ही मामले अब पैसे मांगने से जोड़ा जा रहा है।

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