गिरिडीह में धनतेरस के बाजार ने मंहगाई को दिया जोर का झटका, 40 करोड़ के कारोबार का अनुमान
बाजार विशेषज्ञ और उद्योगपति अमरजीत सलूजा ने भी माना कि 30 प्रतिशत अधिक का रहा कारोबार
गिरिडीहः
भगवान धन्वंतरि की पूजा के साथ मंगलवार को धनतेरस भी गिरिडीह में धूमधाम से मनाया गया। शुभ मुर्हुत के साथ लोगों ने भगवान धन्वंतरि की पूजा-अर्चना किया। लेकिन धनतेरस को लेकर हुए खरीदारी ने इस बार भी सारे रिकार्ड तोड़ दिए। मान्यताओं के अनुसार हर किसी ने सोने-चांदी के जेवर से लेकर स्टील के बर्तन और वाहनों के साथ इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रिोनिक के उपकरणों का खरीदारी किया। लिहाजा, गिरिडीह में खरीदारों की भीड़ ने इस बार मंहगाई को जोर का झटका दिया। क्योंकि बाजार में खरीदार उमड़े नहीं। बल्कि, खरीदारों की भीड़ ही टूट पड़ी। सुबह से ही बाजारों में भीड़ ने जलवा दिखना शुरु किया। दोपहर और शाम ढलते ही बाजार में टूटी भीड़ के कारण ही पैदल चलना भी मुश्किल था। कोरोना के कारण आई मंदी का कोई इस साल धनतेरस के बाजार में दूर तक कोई प्रभाव नहीं दिखा। हर किसी ने अपनी क्षमता के अनुसार खरीदारी किया।
वैसे बाजार विशेषज्ञ और स्टील उद्योग के चर्चित नामों में शुमार प्रसिद्ध उद्योगपति अमरजीत सिंह सलूजा की मानें तो गिरिडीह में पिछले तीन सालों की तुलना में इस साल धनतेरस के मौके पर 30 प्रतिशत से अधिक का कारोबार हुआ है। प्रसिद्ध उद्योगपति अमरजीत सिंह सलूजा के अनुसार पूरे जिले में 40 करोड़ से अधिक का कारोबार हुआ है। क्योंकि मकान बनाने की चाह रखने वालों ने शुभ दिन धनतेरस को देखते हुए टीएमटी छड़ की खरीदारी भी जमकर किया। इस दौरान महिलाओं व युवतियांे की भीड़ सबसे अधिक जेवर दुकानों में दिखा। जहां महिलाएं व युवतियों अपने पंसद के अनुसार सोने और चांदी के जेवर के साथ लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां खरीदती नजर आई। तो मुस्लिम महिलाएं भी धनतेरस को लेकर ही अपने पंसद के जेवर की खरीदारी करती दिखी। जेवर कारोबारी के अनुसार पूरे जिले में सोने और चांदी के 15 करोड़ से अधिक का कारोबार हुआ। शहरी क्षेत्र में ही कोई ऐसा जेवर दुकान नहीं। जहां खरीदारों की भीड़ नहीं थी।
वैसे खरीदारों की भीड़ इस दौरान घर के सजावट के समानों से लेकर लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों की खरीदारी जमकर हुई। हर कोई दीपावली को लेकर अपने घर के सजावट के समानों की खरीदारी कर रहे थे। कोई रंग-बिरंगी लाईट खरीदते नजर आएं। कोई आर्टिफिशियल रंगोली से लेकर अन्य समानों को। लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों के खरीदार भी बाजारों में सबसे अधिक दिखे। कई आर्कषक मूर्तियां बाजारों में उपलब्ध थी।
कमोवेश, वाहनों की ब्रिकी भी धनतेरस के मौके पर खूब हुआ। हीरो शोरुम के मालिक प्रदीप जैन के अनुसार पूरे जिले में अलग-अलग कंपनियों के दो हजार से अधिक दो पहिया वाहनों की बुंकिग हुई। तो वाहनों का कारोबार पांच करोड़ से अधिक हुआ। हालांकि तीन और चार पहिया वाहनों के कारोबार का स्पस्ट आंकड़ा देर शाम तक उपलब्ध नहीं हो पाया था।
लेकिन स्टील के बर्तनों की खरीदारों भी मौके पर खूब हुआ। लोगों ने घरों के जरुरत के अनुसार ग्लास से लेकर कई मंहगे समानों की खरीदारी करते नजर आएं। जबकि इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रिोनिक उपकरणों में फ्रिज, एलईडी, वांशिग मशीन के साथ गीजर और मोबाइल फोन की खरीदारी जमकर किया। इन दुकानों की भीड़ ने मंहगाई को तो झटका दिया ही। कोरोना का खौफ भी धनतेरस के बाजार में कहीं देखने को नहीं मिला।