मंगल कलश यात्रा के साथ लेदा में 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ शुरू
- गायत्री महामंत्र से मनुष्य में जीवनशक्ति, प्राणबल एवं आत्मबल की होती है वृद्धि: श्री परमेश्वर
गिरिडीह। सदर प्रखंड के संकट मोचन मंदिर शांतिधाम में आयोजित 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ के प्रथम दिन गुरुवार को मंगल कलश यात्रा के साथ गायत्री महायज्ञ की शुरुआत की गई। कलश यात्रा में लेदा सहित आसपास के दर्जनों गांवों के लोग शामिल हुए। मंगल कलश यात्रा में शामिल 1008 महिलाओं व युवतियों ने अपने सर पर मंगल कलश रखकर जलअहरी तालाब से जल भरा एवं पुनः वापस यज्ञ स्थल में उसे स्थापित किया। उसके बाद यज्ञ स्थल पर स्थापित कलश की सामूहिक आरती की गई।
मौके पर गायत्री तीर्थ शांतिकुंज हरिद्वार प्रतिनिधि एवं आचार्य श्री परमेश्वर ने कहा कि गायत्री महामंत्र की साधना से मनुष्य की सारी कठिनाइयां समाप्त हो जाती हैं एवं व्यक्ति मानसिक एवं शारीरिक रूप से स्वस्थ हो जाता है। साथ ही गायत्री महामंत्र की साधना से मनुष्य में जीवनशक्ति, प्राणबल एवं आत्मबल की वृद्धि हो जाती है। आत्मबल संपन्न व्यक्ति जो भी कार्य हाथ में लेता है उसमें उसे निश्चित रूप से सफलता प्राप्त होती है।

कहा कि आज पूरे विश्व में प्राण बल, आत्मबल बढ़ाने की कोई भी दवा उपलब्ध नहीं है। इस देश के ऋषियों के अनुसार प्राणबल एवं आत्मबल मजबूत करने का एक मात्र उपाय गायत्री महामंत्र की साधना है। बताया कि 22 मई को इस महायज्ञ की पूर्णाहुति होगी। चार दिनों तक शांतिकुंज प्रतिनिधियों के द्वारा वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा स्थापित गायत्री तीर्थ शांतिकुंज हरिद्वार के संदेश को जन-जन तक पहुंचाया जाएगा।
कार्यक्रम को सफल बनाने में कामेश्वर सिंह राजेश कुमार राम, राजेश कुमार वर्मा, वासुदेव नारायण सिंह (मुखिया), राजेंद्र कुमार, नरेश कुमार साव, मनोहर राम, रामेश्वर प्रसाद वर्मा (मुखिया), प्रयाग प्रसाद वर्मा, जय प्रकाश राम, सहदेव प्रसाद वर्मा एवं लेदा सहित आसपास के सभी ग्रामीणों का भरपूर सहयोग प्राप्त हुआ।