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136वां स्थापना दिवस, और गिरिडीह कांग्रेस कमेटी के तिरंगा यात्रा में दिखे उंगली में गिनने लायक संख्या

मंत्री और प्रर्देश नेताओं के दौरे में ही सिर्फ नजर आता है कांग्रेस समर्थकों की भीड़, पार्टी के कार्यक्रम में यही भीड़ दिखता है गायब

गिरिडीहः
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का 136वां स्थापना दिवस समारोह सोमवार को धूमधाम से मनाया गया। गिरिडीह कांग्रेस कमेटी ने भी शहर में तिरंगा यात्रा निकाला। लेकिन तिरंगा यात्रा में उत्साह की कमी तो रही। साथ ही हैरान करने वाली तस्वीर भी दिखा। जब पार्टी के स्थापना दिवस के इस कार्यक्रम में महज 18 से 20 कांग्रेसी ही थे। हाथों में देश का राष्ट्रीय ध्वज लिए जिला कांग्रेसी कमेटी के वर्कर जब पार्टी कार्यालय से निकले। और शहर के मुख्य मार्गो में पहुंचे। तो पार्टी के तिरंगा यात्रा पर उन रास्तों से गुजर रहे लोगों ने तंज भी कसा। हालांकि गुजर रहे लोगों के तंज के बीच कांग्रेसी नेताओं ने पार्टी के स्थापना दिवस को लेकर उत्साह दिखाने का प्रयास किया। लेकिन कार्यकर्ताओं की कमी ने शहर में निकले तिरंगा यात्रा का उत्साह ही खत्म कर दिया। तिरंगा यात्रा में पार्टी जिलाध्यक्ष नरेश वर्मा, तनवीर हयात, धनजंय सिंह, बलराम यादव, अशोक पाठक, पोरेश नाथ मित्रा, महमूदअली खान लड्डु, कृष्णा सिंह, प्रो. मुकेश साहा समेत चंद कार्यकर्ता ही नजर आएं। स्थिति यह हुई कि तिरंगा यात्रा में कार्यकर्ताओं की कमी की भरपाई एक बच्चे तक से किया गया। पार्टी कार्यालय से निकलने के बाद कार्यकर्ता पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के उद्घोष से लेकर सोनिया और राहुल गांधी का उद्घोष कर कार्यकर्ताओं ने उत्साह के प्रदर्शन करते नजर आएं। लेकिन नाकाम रहे। इस दौरान पार्टी के यही पदाधिकारी और कार्यकर्ता जब शहर के टावर चाौक पहुंचे। तो तिरंगा यात्रा में शामिल एक बच्चे से भी कांग्रेस की अध्यक्ष समेत पूर्व पीएम स्वः इंदिरा गांधी के समर्थन में नारे लगवाएगें। वैसे पार्टी के स्थापना दिवस को लेकर शहर में निकले तिरंगा यात्रा में कार्यकर्ताओं का कम होना गिरिडीह कांग्रेस कमेटी के लिए नई बात नहीं रही। क्योंकि बीतें रविवार को भी कृषि बिल के खिलाफ कांग्रेस के जिला कमेटी ने केन्द्र के मोदी सरकार को सद्बुद्धि प्रदान करने के लिए हवन कराया। इस हवन में भी चंद पार्टी नेता और समर्थक नजर आएं। बहरहाल, स्थापना दिवस पर निकले तिरंगा यात्रा में कार्यकर्ताओं की संख्या देख समझा जा सकता है कि सत्ता में होने के बावजूद गिरिडीह कांग्रेस कमेटी के हालात कैसे हो गए, वह भी तब जब उंगली में गिने-चुने कार्यकर्ता ही अब पार्टी के कार्यक्रम में दिख रहे हो।

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