कोरोना के आपदा को जहां चंद संस्थाएं कमाई का बना रखा है जरिया, तो गिरिडीह के कुछ युवा मुश्किल में फंसे लोगों के लिए बने हुए देवदूत
मनोज कुमार पिंटूः गिरिडीह
महामारी कोरोना काल के दौरान गिरिडीह में सरकारी स्तर पर भले ही आक्सीजन सिलेंडरों की किल्लत होने लगी है। प्र्रशासन भले ही आॅक्सीजन सिलेंडर सुविधानुसार मिलने का दावा कर रहा हो। तो दुसरी तरफ शहर के चंद प्राईवेट हाॅस्पीटलों में कोविद मरीजों को बेड के लिए परेशानी उठाना पड़ रहा है। तो वहीं इस आपदा केे वक्त शहर के कुछ लोग कोरोना संक्रमितों के लिए वाकई देवदूत बनकर सामने आएं है। दरअसल, सही प्रशासनिक माॅनिटरिंग नहीं होने के कारण आक्सीजन सिलेंडर की किल्लत अब देखने को मिल रही है। हालात देखते हुए ही अब शहर के कई युवा इस मुश्किल घड़ी में अपनी जिम्मेवारी निभाने में जुट गए है। क्योंकि वक्त पर आक्सीजन सिलेंडर नहीं मिलने के कारण ही रविवार को हुई एक महिला की मौत ने गिरिडीह प्रशासन के सारे दावों की जहां हवा निकाल दिया। वहीं युवा मनीष पाठक के अलावे सौरभ सिंह जहां हर जरुरतमंदो को आक्सीजन सिलेंडर पहुंचा रहे है। तो बरवाडीह के ही एक मैकेनिक मिन्हाज अंसारी भी इन दिनों में नेकी कर और दरिया में डाल के कहावत को चरितार्थ करते हुए अब तक कई जररुतमंदो को आक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध करा चुके है। यही नही एसआईटी के निदेशक और युवा समाजसेवी विजय सिंह भी इसी बुरे वक्त में कोरोना संक्रमितों के अंतिम संस्कार के लिए पीपीई कीट उपलब्ध करा रहे है।
जानकारी के अनुसार एसआईटी के निदेशक विजय सिंह अब तक दर्जन भर पीपीई कीट उन युवाओं को उपलब्ध करा चुके है। जो कोरोना संक्रमितों के शव के अंतिम संस्कार में परिजनों का सहयोग कर रहे है।
इधर मैकेनिक मिन्हाज अंसारी और सौरभ सिंह के साथ मनीष पाठक को सिर्फ फोन आने की प्रतीक्षा होती है। उसके बाद फोन पर बताएं हुए एड्रैस पर आक्सीजन सिलेंडर तीनों जररुतमंदो तक पहुंचा रहे है। बहरहाल, एक तरफ जहां शहर के चंद प्राईवेट नर्सिंग होम संचालकों ने एक बार फिर आपदा के इस बुरे वक्त को अपनी कमाई का जरिया बना चुके है। हालात ऐसे है कि कई नर्सिंग होम जहां सरकारी निर्देश के बाद भी कोविद मरीजों को बेड देने से कतरा रहे है तो दुसरी तरफ प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज कराने वाले मरीजों को सुविधानुसार ऐसे नर्सिंग होम में बेड मिल जा रहा है। तो वहीं दुसरी तरफ कई ऐसे लोग इसी हालात में मुश्किल में घिरे लोगों को राहत पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे है।