पीरटांड़ में धूमधाम से मनाया गया विश्व आदिवासी दिवस
- आदिवासी समाज को अपने वजूद के लिए जल और जंगल के अस्तित्व को बचाने की जरूरत: विधायक
- प्रकृति की पूजा करने वाले आदिवासी समाज की पहचान जल जंगल और जमीन से: डीसी
गिरिडीह। विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर मंगलवार को गिरिडीह के नक्सल प्रभावित पीरटांड़ के सिद्धू कान्हु मैदान में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में डीसी नमन प्रियेश लकड़ा और सदर विधायक सुदिव्य कुमार सोनू समेत कई स्थानीय नेता शामिल हुए। कार्यक्रम की शुरुवात पीरटांड़ के शहीद आदिवासी नेता अजय टुडू के शहीद वेदी पर माल्यार्पण कर की गई। मौके पर आदिवासी समाज की महिलाओं और युवतियांे द्वारा कई सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुती की गई।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सदर विधायक श्री सोनू ने कहा कि आदिवासी समाज को अपनी पहचान और वजूद बचाए रखना है तो सबसे पहले जल और जंगल के अस्तित्व को बचाना होगा। तभी आदिवासी समाज का वजूद बचेगा।
डीसी नमन प्रियेश लकड़ा ने कहा कि पूरे विश्व में आदिवासी दिवस सिर्फ इसलिए मनाया जाता है की समाज के इस पिछड़े वर्ग को उसका उसके अधिकार की जानकारी हासिल हो सके। प्रकृति की पूजा करने वाले इस वर्ग की पहचान जल जंगल और जमीन से ही जुड़ा रहा है। डीसी ने कहा की आदिवासी समाज को बेहद सीधा समाज के रूप में जाना जाता है।