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कृषि टैक्स के खिलाफ हड़ताल पर रहे थोक व खुदरा खाद्यान्न व्यवसायी

  • चैंबर ऑफ कॉमर्स ने हेमंत सरकार व कृषि मंत्री के खिलाफ किया प्रदर्शन, किया पुतला दहन
  • चैंबर के लोगों ने हेमंत सरकार को बताया एक लंगड़ी सरकार

गिरिडीह। कृषि विपणन शुल्क यानी कृषि टैक्स के विरोध में चैंबर ऑफ कॉमर्स के अहवान पर एक ओर जहां खाद्यान्न और फुटपाती सब्जी दुकान बंद रहें। वहीं चैंबर ऑफ कॉमस निर्मल झुनझुनवाला, प्रदीप अग्रवाल के नेतृत्व में राकेश मोदी, बंटी जैन सहित कई पदाधिकारियों व सदस्यों ने बुधवार को प्रदर्शन करते हुए टावर चौक पहुंचे और झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख का पुतला दहन किया। इस दौरान हेमंत सरकार और कृषि मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

बुधवार को शहर के कारोबारियों ने अपने अपने दुकानों को पूरी तरह से बंद रखा। इतना ही नही किसी थोक व्यापारी ने बाहर से आयात किए खाधान्न के स्टॉक गेंहू, चावल, आलू समेत कई समानों को दुकान में उतारा तक नही। इसका परिणाम हुआ की थोक व्यापारी के अगले कुछ दिनों के हड़ताल के आह्वान के कारण खुदरा कारोबारी भी जरूरत के समान नही खरीद पाए। समानों की खरीदारी करने थोक व्यापारी के पास आए खुदरा कारोबारी वापस लौटते दिखे।

प्रदर्शन के दौरान चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष निर्मल झुनझुनवाला व कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि झारखंड एक कृषि प्रधान व खनिज प्रधान राज्य है। कहा कि कृषि मंत्री द्वारा सिर्फ कृषि कर की बात नहीं की जा रही है बल्कि बहुत बड़े घोटाले की पृष्ठभूमि तैयार की जा रही है। जिसके माध्यम से राज्य के व्यापारियों और जनता का दोहन किया जाएगा। कृषि बिल के लागू होने से उपभोक्ताओं और आम आदमी पर बोझ बढ़ेगा।

कहा की अब हालात ऐसे हो चुके है की अधिकारियो द्वारा जो उल्टा पुल्टा सुझाव सरकार और उनके मंत्रियों को दिया जाता है, वो तुरंत मान लेते है। इसका परिणाम है कि हेमंत सरकार द्वारा विधानसभा में पारित कराया गया कृषि टैक्स। जिसका खामियाजा सिर्फ एक दुकानदार नही, बल्कि हर कारोबारी को भुगतना होगा। कहा की ये सरकार बैसाखी पर चल रही है। कहा की जब तक ये व्यवस्था हट नही जाती है तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

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