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सदर विधायक सोनू और झामुमो नेताओं का प्रतिनिधी बनकर गिरिडीह प्रशासन भाजपा नेताआंे और अध्यक्ष पर कर रहा है है केसः भाजपा

गिरिडीहः
रुपेश हत्याकांड मामले में हेमंत सरकार के खिलाफ काला बिल्ला लगाकर प्रदर्शन कर रहे पांच भाजपा नेता समेत 25 अज्ञात समर्थकों पर गिरिडीह प्रशासन द्वारा किए गए केस के बाद भाजपा नेताओं ने जबरदस्त तरीके से प्रतिकार किया। और दुसरे दिन शुक्रवार को प्रेसवार्ता कर भाजपा नेताओं ने कई गंभीर आरोप भी लगाएं। प्रेसवार्ता कर भाजपा नेता चुन्नूकांत ने धारा 144 के उल्लंघन के अलग-अलग सेक्शनों के आधार पर किए गए केस का हवाला देते हुए कहा कि पूरा गिरिडीह प्रशासन और पुलिस पिछले कई दिनों से सत्तारुढ़ दल झामुमो के सदर विधायक सुदिव्य कुमार सोनू और झामुमो नेताओं के इशारे पर कार्य कर रहा है। हर मामले में भाजपा के अध्यक्ष महादेव दुबे पर केस दर्ज होना तो कभी भाजपा नेताओं पर केस दर्ज कर दिया जाना। ये स्पस्ट साबित करता है कि प्रशासनिक महकमा सदर विधायक सोनू और झामुमो का प्रतिनिधी बनकर कार्य कर रहा है। जिस प्रकार का संकेत सदर विधायक द्वारा प्रशासन को मिल रहा है। उसी संकेत के अनुसार प्रशासनक कार्य भी कर रहा है। इसमें हेमंत सरकार की भूमिका को भाजपा नेताओं ने महत्पूर्ण बताया।
कहा कि रघुवर सरकार के कार्यकाल में कभी ऐसा नहीं हुआ कि लोकतंत्र में विपक्ष की आवाज को दबाया जाएं। भाजपा नेता चुन्नूकांत समेत पूर्व सदर विधायक निर्भय शाहाबादी और जिला मंत्री संदीप डंगाईच ने प्रेसवार्ता के दौरान प्रशासनिक महकमे को खुलेतौर पर कड़ा अल्टीमेटम देते हुए कहा कि प्रशासन को इसी प्रकार सदर विधायक सोनू और झामुमो के प्रतिनिधी के रुप में कार्य करना है तो प्रशासन अब कानून के हर किताबों का अध्यन कर ले। क्योंकि अभी तो सिर्फ रुपेश हत्याकांड में परिजनों को न्याय दिलाने की लड़ाई भाजपा लड़ रही है। आने वाले दिनों में गिरिडीह भाजपा अब भी चुप नहीं बैठने वाली।
इधर प्रेसवार्ता के दौरान भाजपा नेता सह अधिवक्ता चुन्नूकांत ने धारा 144 के अलग-अलग सेक्शन पर दर्ज हुए केस को लेकर कड़े शब्दों में प्रशासनिक कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि सेक्शन 114, 117, 118 समेत अन्य सेक्शनों पर केस दर्ज किया गया। जबकि गुरुवार को काला बिल्ला लगाकर किसी भाजपा नेता ने ऐसा कोई नुकसान और भीड़ को उकसाने वाले हरकत नहीं किया। जिसे आईपीसी के इन सेक्शनों में धारा 144 के उल्लंघन का केस दर्ज किया जा सकें। क्योंकि धारा 144 के 117 का उल्लंघन तभी माना जा सकता है कि जब समूह बनाकर कोई उस समूह का नेत्तृव कर रहा है और समूह में शामिल भीड़ को किसी हिंसा के लिए उकसा रहा हो। लेकिन गुरुवार को प्रदर्शन भी चार-चार के समूह में किया गया। इसके बाद भी केस दर्ज कर दिया जाना, यह स्पस्ट साबित करता है कि सदर विधायक के इशारे पर प्रशासन ने बगैर सूझबूझ के यह कार्रवाई किया। इधर प्रेसवार्ता में जिला महामंत्री सुभाष चन्द्र सिन्हा, संजीत सिंह पप्पू, मोती लाल उपाध्याय समेत कई नेता मौजूद थे।

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