पश्चिम बंगाल: सीबीआई के समानांतर सीआईडी भी करेगी कोयला तस्करी की जांच
दो-दो एजेंसियों की जांच से संवैधानिक संकट खड़े होने की आशंका
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में कोयले के अवैध खनन व तस्करी मामले की जांच अब केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) के साथ राज्य के अपराध जांच विभाग (सीआइडी) भी करेगा। भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए राज्य सीआइडी ने एक विशेष टीम गठित की है जिसने शुक्रवार को अंडाल में कोयला खदानों का दौरा किया। इधर कानून के जानकारों का कहना है कि एक ही मामले की दो-दो एजेंसियों की जांच से संवैधानिक संकट खड़ा हो सकता है। माना जा रहा है कि सीबीआइ जांच के जवाब में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सीआइडी जांच का निर्देश दिया है। क्योंकि, इस मामले में तृणमूल नेता विनय मिश्रा को सीबीआइ तलाश रही है।
उल्लेखनीय है कि कोयला तस्करी में बार-बार ममता बनर्जी के सांसद भतीजे अभिषेक बनर्जी का नाम उछाला जा रहा है। इधर कोलकाता के वरिष्ठ अधिवक्ता हीरक सिन्हा का कहना है कि एक ही अपराध की दो-दो जगह एक साथ सुनवाई नहीं हो सकती और दो जगह सजा नहीं हो सकती। यह अपने आप में विरल मामला है। इसे लेकर अगर आरोपित हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाते हैं तो अंतत: एक जांच को निरस्त करना ही पड़ेगा और यह जाहिर है कि सीआइडी की जांच हो सकती है।
इधर भाजपा का कहना है कि सीबीआइ के समानांतर सीआइडी जांच राजनीति से प्रेरित है। भाजपा के वरिष्ठ नेता शमिक भट्टाचार्य ने कहा है कि सरकार ने इतने दिनों तक इस मामले की सीआइडी जांच क्यों नहीं कराई। असल में इसका उद्देश्य आरोपियों को बचाना है। शुक्रवार को सीआइडी की 20 सदस्यीय टीम ने अंडाल में कोयला खदानों दौरा किया। इसके साथ ईस्टर्न कोल फील्ड लिमिटेड (ईसीएल) मुख्यालय जाकर वरिष्ठ अधिकारियों से बात की। विधानसभा चुनाव से पहले सीबीआइ इस मामले में अत्यधिक सक्रिय है। सीबीआइ कोल माफिया अनूप माजी उर्फ लाला को तलाश रही है। लाला का आसनसोल, दुर्गापुर और पुरुलिया के खनन क्षेत्रों में कोयले की तस्करी के पीछे सबसे बड़ी भूमिका मानी जाती है।