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शहरी एवं ग्रामीण बेरोजगार युवाओं को प्रतिवर्ष मिलेगा पांच हजार का लाभ: उपायुक्त

  • बैठक कर आवश्यक संबंधित अभिकारियों को दिये आवश्यक दिशा निर्देश

कोडरमा। उपायुक्त आदित्य रंजन की अध्यक्षता में गुरुवार को “मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना” के सफल क्रियान्वयन हेतु समाहरणालय सभागार में बैठक की गई। इस दौरान उपायुक्त ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा बेराजगारों की समस्या से निजात के लिए ग्रामीण एवं शहरी बेरोजगार युवाओं को रोजगार से जोड़ने एवं सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से उक्त योजना के तहत बेरोजगार युवाओं को प्रतिवर्ष पांच हजार रुपये दिया जायेगा।


बैठक के दौराने बताया गया कि योजना का लाभ लेने के लिए राज्य के विभिन्न विभागों द्वारा संचालित कौशल प्रशिक्षण के तहत अल्पकालीन प्रशिक्षण, सरकारी आई.टी.आई, सरकारी पॉलिटेक्निक एवं अन्य सरकारी व्यावसायिक पाठयक्रम से उतीर्ण एवं सरकार के द्वारा स्थापित मानकों पर सफलतापूर्वक प्रमाणित होना चाहिए। बताया गया कि आवेदक बेरोजगार होना चाहिए (अर्थात आवेदक न तो सार्वजनिक/निजी क्षेत्र से जुडे हों और न ही स्वरोजगार से जुडें हों)। आवेदक झारखण्ड के नियेाजनालय में निबंधित होना चाहिए। योजना हेतु चिन्हित पाठयक्रम के लिए निर्धारित अहर्ताओं के अनुरूप शैक्षणिक योग्यता होनी चाहिए। इस योजना का लाभ हेतु किसी प्रकार का दोहरीकरण न हो। झारखण्ड राज्य के निवासी/अधिवास हो। स्वयं का वैध बैंक खाता/आधार कार्ड होना चाहिए। वह किसी ऐसे अपराध में अभियुक्त न हो जिसकी वजह से 48 घंटे या इससे अधिक के कारावास की सजा हुई हो। नियोजनालय में निबंधन की तिथि को आवेदक की आयु 18 वर्ष से अधिक और 35 वर्ष से कम होनी चाहिए
प्रोत्साहन राशि के बाबत बताया गया कि उपर्युक्त अर्हत्ताधारी आवेदकों के लिए 5,000 रुपये प्रति वर्ष के लिए (विधवा/परित्यकता, आदिम जनजाति, दिव्यांगों के लिए राशि 50 प्रतिशत अतिरिक्त होगी)

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