पूर्णाहुति के साथ संपन्न हुआ तीन दिवसीय 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ

  • महायज्ञ के दौरान संपन्न कराए गए कई संस्कार, 23 लोगों ने ग्रहण की दीक्षा
  • संस्कार के अभाव में दिग्भ्रमित हो रही है हमारी नई पीढ़ी: परमेश्वर साहू

गिरिडीह। शहर के तिरंगा चौक स्थित गायत्री शक्तिपीठ आयोजित में 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ के तीसरे दिन बुधवार को पूर्णाहुति के साथ संपन्न हो गया। महायज्ञ के अंतिम दिन सदर प्रखंड सहित बेंगाबाद, जमुआ, गांवा, तिसरी, देवरी, राजधनवार, बिरनी, गांडेय से आए श्रद्धालुओं द्वारा यह को आहुति दी।

गायत्री महायज्ञ में पूर्व विधायक ज्योतिंद्र प्रसाद, अध्यक्ष जिला ब्रह्मर्षि समाज गौरी शंकर सिंह, बिनोवा भावे विश्वविद्यालय के भूतपूर्व रजिस्टार एसबी सिन्हा, उपमहापौर प्रकाश राम, सतीश कुमार, राजेंद्र राम सहित कई गणमान्य लोगों ने हिस्सा लिया और हवन को पूर्णाहुति दी। इस दौरान 23 लोगों के द्वारा वेद मंत्र गायत्री की दीक्षा ग्रहण की गई। वहीं 7 बच्चों का मुंडन संस्कार, 9 पुंसवन संस्कार, एक नामकरण संस्कार एवं एक बच्चे का जन्मदिन संस्कार संपन्न कराया गया।

मौके पर शांतिकुंज प्रतिनिधि श्री परमेश्वर साहू ने कहां की व्यक्ति के जीवन में गुरु अवश्य ही होना चाहिए, लेकिन गुरु वरण करने से पूर्व हम सबको यह जांच लेना चाहिए कि हम जिसे गुरु वरन कर रहे हैं वह व्यक्ति गुरु वरण करने योग्य है या नहीं है। कहा कि जो गुरु शिष्य के धन का हरण कर ले उसके शोक, संताप, कष्ट, कठिनाइयों का हरण न करें वह गुरु नरक गामी होता है। अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक संरक्षक वेदमूर्ति पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जिन्होंने 80 वर्ष का जीवन पूरी सादगी से जिया और जनमानस के परिष्कार के लिए निःस्वार्थ भाव से 3200 पुस्तकों का लेखन किया। वे हम सब के गुरु वरुण करने योग्य है। कहा कि वेदमंत्र गायत्री का जप करने से व्यक्ति का कल्याण के साथ-साथ पूरे मानव जाति का कल्याण होता है।
उन्होंने कहा कि संस्कार परंपरा के समाप्त हो जाने के कारण ही आज हमारी नई पीढ़ी दिग्भ्रमित हो रही है और गलत राह पर चल रही है। हमें ऋषियों द्वारा बताए गए संस्कारों को अवश्य अपनाना चाहिए। अपने बच्चों का जन्मदिन दीपक जलाकर मनाना चाहिए न कि मोमबत्ती को फूंक करके मनाना चाहिए।

महायज्ञ को सफल बनाने में जिला प्रमुख कामेश्वर सिंह, नरेश प्रसाद यादव, भागीरथ प्रसाद सिंह, दर्शन पंडित, तुलसी पंडित, भागवत राम, हरिहर मंडल, अनिल कुमार साहू, जय प्रकाश राम, मनोज शर्मा, सुरेश यादव, तिलक, महेश मोदी, कैलाश मोदी, कारु बरनवाल, मीरा बरनवाल, चंचल भदानी, किरण देवी, उर्मिला बरनवाल, पूनम बरनवाल, पार्वती बर्नवाल, दुलारी देवी, कंचन सिन्हा सहित गायत्री परिवार से जुड़े सभी लोगों का सराहनीय योगदान रहा।

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