ये है गिरिडीह के नगर निगम का खेल, जमीन केडिया धर्मशाला के ट्रस्ट का, और प्लाॅट पर बिचैलियों के नाम स्वीकृत कर दिया पीएम आवास योजना
सदर अंचल के सीओ ने भी नापी कर किया स्पस्ट
बगैर चढ़ावा के निगम ने नहीं किया होगा ये कारनामा
गिरिडीहः
प्रधानमंत्री आवास आंवटित करने में गिरिडीह नगर निगम की बड़ी लापरवाही सामने आई है। और जब लापरवाही का उजागर हुआ, तो निगम के प्रभारी उप नगर आयुक्त रोहित सिन्हा के होश उड़ गए। क्योंकि यह लापरवाही और कम और भष्ट्राचार का मामला अधिक प्रतीत हो रहा है। वैसे इस मामले में जब प्रभारी उप नगर आयुक्त रोहित सिन्हा का पक्ष पर प्रभारी नगर आयुक्त ने मामले को गंभीर बताते हुए कहा कि अब पूरे मामले की जांच की जाएगी। निगम के जिन पदाधिकारी और कर्मियों ने बगैर जांच-परखें एक धर्मशाला ट्रस्ट के प्लाॅट पर पीएम आवास आंवटित कर दिया है। वह खुद में सवाल उठाने वाला है। किस परिस्थिति मंे निगम के कर्मियांे द्वारा ऐसा किया गया है। इसकी जांच की जाएगी। बहरहाल, यह तो सिर्फ एक मामले से पीएम आवास में निगम के भष्ट्राचार का खुलासा हुआ है। लेकिन मामले की जांच की जाएं। तो यह तय है कि शहरी क्षेत्र में वास्तिवक लाभार्थियों को केन्द्र सरकार की यह योजना नहीं देकर बिचैलियों के हाथों में दिया जा रहा है। फिलहाल बिचैलियों में निगम के कुछ कर्मियों के साथ धर्मशाला के रैयती प्लाॅट पर हक जता रहे पचंबा के पेठियाटांड निवासी कृष्णा पांडेय, दिनेश पांडेय का नाम भी आ रहा है।
निगम द्वारा पीएम आवास योजना का आंवटन पचंबा स्थित केडिया धर्मशाला के प्लाॅट पर किया जा रहा है। यह सदर अचंल के सीओ रविभूषण प्रसाद के जांच रिपोर्ट में स्पस्ट हो चुका है। क्योंकि धर्मशाला के प्लाॅट का देखरेख करने वालों ने पहले यह मामला सीओ के पास दिया था। इसके बाद मामले की जांच हुई। और धर्मशाला के प्लाॅट का नापी भी किया गया। नापी के बाद ही स्पस्ट हुआ कि निगम के पदाधिकारियों और कर्मियों ने प्लाॅट की जांच बगैर वहां पेठियाटांड के कृष्णा पांडेय और दिनेश पांडेय के नाम पीएम आवास आवंटित कर दिया।
दरअसल, सदर अचंल के पचंबा के मंडरडीह मौजा के थाना नंबर-85, खाता नंबर-81 और प्लाॅट नंबर 391 केडिया धर्मशाला ट्रस्ट के नाम पर है। प्लाॅट का कुल रकबा 1.55 एकड़ में रजिस्ट्री डीड से 0.53 एकड़ और 1.02 एकड़ पहले से हासिल है। जबकि इस प्लाॅट को गुली पांडेय और महाराज पांडेय ने शंकर केडिया उनकी सीता केडिया विक्रय था। लिहाजा, मामला सामने आने के बाद ये तय माना जा रहा है कि किसी जाति विशेष के धर्मशाला ट्रस्ट की जमीन पर पीएम आवास निगम के पदाधिकारियों और कर्मियों ने ऐसे ही आंवटित तो नहीं कर दिया होगा।