सांसद प्रतिनिधि ने वन विभाग के डोजरिंग स्थल का किया निरीक्षण
- कहा विभाग ने कार्रवाई के नाम पर की है सिर्फ खानापूर्ति
- वनविभाग व पुलिस सक्रिय होती तो नही होती एक नाबालिक लड़की मौत
गिरिडीह। तिसरी थाना व वनविभाग के तिसरी बिट कार्यालय से महज दो किमी दूर बेरगियातरी ढिबरा का अवैध खदान की डोजरिंग का भाजपा सांसद प्रतिनिधि मनोज यादव ने बुधवार को निरीक्षण किया। निरीक्षण करने के पश्चात उन्होंने वनविभाग द्वारा किये गये डोजरिंग को सिर्फ खानापूर्ति बताते हुए कहा कि उक्त खदान की डोजरिंग करने के बाद भी आज खदान काफी भयावह व खतरनाक है। बड़े बड़े गड्ढे व सुरंग आज भी साफ-साफ नजर आ रहे है। इससे साफ प्रतीत होता है कि वर्षाे से संचालित माइका व ढिबरा माफिया के लिये वनविभाग के पास नरमी बरती गई। बिट कार्यालय से महज दो किमी दूर इतनी बड़ी माइका का अवैध खदान संचालित होती रही जंगल भूमि के बड़े पहाड़ को सुरंग व गड्डों में तब्दील कर दिया। कहा कि घटना के पहले यदि वनविभाग व पुलिस सक्रिय होती तो एक नाबालिक लड़की की मौत यहाँ नही होती।
प्रखंड के बेरगियातरी जैसा प्रखंड के कई खदान संचालित है जहां पर दिन व रात को जेसीबी से खोद कर उजड़ कर दिया है। ढिबरा माफिया व तस्कर के इशारे पर आस-पास के लोग पैसा की लालच में माइका को एकत्रित करते है। बच्चे भी पढ़ाई छोड़ पैसा की जुगाड़ में ढिबरा व माइका को चुनते व कोड़ते है।
प्रखंड के बरवाडीह, घंघरिकुरा, मैनी, गड़कुरा, बरतल्ला, लोकाय, मंसाडीह, पंचरुखी गुमगी, रंगमटिया में कई गरीब मजदूर व विद्यार्थी जान गवां चुके है। बावजूद इसके पुलिस प्रशासन व वनविभाग ठोस कार्रवाई नही करने पर माइका माफिया का मनोबल बढ़ा रहता है।
खबर प्रकाशित होने व घटना के बाद संबंधित विभाग द्वारा उक्त खदान की डोजरिंग व कार्रवाई करती है, लेकिन कुछ महीनों बाद पुनः उत्खनन कार्य चालू हो जाता है। यही कारण है कि प्रत्येक वर्ष इस तरह की घटना होती रहती है।
रेंजर अनिल कुमार ने कहा कि सूचना मिलने पर माइका व ढिबरा अवैध खदान की डोजरिंग की जाती रही है। बेरगियातरी ढिबरा खदान की डोजरिंग की गई। खदान तक जाने का मार्ग अवरुद्ध की गई। वनविभाग द्वारा बेरागियतरी मामले में दो लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है।