दो दिग्गज तृणमूल नेताओं की रंजिश से फिर एक बार सिंगुर चर्चे में
कोलकता। पश्चिम बंगाल का सिंगुर क्षेत्र कभी तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी के कृषि भूमि बचाओ आंदोलन से मशहूर हुआ था, लेकिन आज सिंगुर आंदोलन से जुड़े तृणमूल कांग्रेस के दो दिग्गज नेताओं के बीच जारी आपसी रंजिश से यह इलाका फिर से चर्चे में है। सिंगुर कृषि जमीन बचाओ कमेटी के दो सक्रिय नेता एवं सिंगुर के विधायक रवींद्र नाथ भट्टाचार्य एवं हरिपाल के विधायक बेचाराम मन्ना के बीच लोकसभा चुनाव के पहले से ही आपसी रंजिश में कई घटनाएं हो चुकी हैं। इधर, रविवार को हुगली जिला तृणमूल कांग्रेस की नई कमेटी की घोषणा के बाद से एक बार फिर इनके बीच की लड़ाई खुलकर सामने आ गई है।
सिंगुर प्रखंड तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष महादेव दास को हटाये जाने को लेकर तृणमूल के वयोवृद्ध विधायक रवींद्र नाथ भट्टाचार्य का गुस्सा फिर एक बार फूटा है। पार्टी की इस कार्रवाई से उन्होंने तृणमूल कांग्रेस छोड़ने तक की धमकी दे दी है। दरअसल, रविवार को श्रीरामपुर के सांसद कल्याण बनर्जी ने हुगली जिला तृणमूल कांग्रेस कमेटी के साथ प्रखंड और शहर तृणमूल कांग्रेस कमेटी की घोषणा की। नई कमेटी में सिंगुर ब्लाॅक तृणमूल कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से महादेव दास को हटाकर गोविंद धारा को बनाया गया है।
खबर ये भी है कि सिंगुर ब्लाॅक के नसीबपुर ग्राम पंचायत के उप प्रधान गोविंद धारा हरिपाल के विधायक बेचाराम मन्ना के काफी करीबी हैं। इसी बात को लेकर सिंगुर के विधायक रवींद्र नाथ भट्टाचार्य पार्टी से नाराज हैं। उनका कहना है कि भष्ट्राचार से जुड़े लोगों को पार्टी ने सिंगुर ब्लाॅक तृणमूल कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया है, जिसका हम लोग विरोध करते हैं। अगर पार्टी इस मसले पर कोई ठोस कदम नहीं उठाएगी तो हमलोग आगे की रणनीति अपनाएंगे।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों जिला तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष दिलीप यादव को लेकर पार्टी के ही कुछ सांसद, मंत्री एवं विधायकों ने खुलेआम मोर्चा खोला था। पार्टी के नेता एवं कर्मियों के बीच की दूरी को खत्म करने के लिए ममता बनर्जी के निर्देश पर हुगली जिले में विधानसभा चुनाव के पहले पार्टी संगठन को ओर मजबूत करने के साथ आपसी मतभेद खत्म करने के लिए नई कमेटी बनाई गई। लेकिन इसके बाद भी पार्टी की अंदरूनी कलह खत्म होती नजर नहीं अी रही है।