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रसोइयां संयोजिका यूनियन (सीटू) ने किया रोषपूर्ण प्रदर्शन

बच्चों का भोजन बनाने व जूठा बर्तन धोने वाली को मानदेय नहीं देना मानवता के खिलाफ: संजय

कोडरमा। विद्यालय में स्कूली बच्चों का मध्याह्न भोजन बनाने वाली रसोईयां को कोरोना काल व लॉक डाउन के दौरान नौ माह से बकाया मानदेय की भूगतान व संयोजिका का मानदेय चालू करने सहित छः सूत्री मांगों को लेकर झारखण्ड राज्य रसोईया संयोजिका यूनियन (सीटू) के बैनर तले जिला समाहरणालय पर उपायुक्त के समक्ष विद्यालय रसोईया संयोजिका ने रोषपूर्ण प्रर्दशन किया और जमकर नारेबाजी की। इससे पूर्व सब्जी मार्केट स्थित दुर्गा मंडप से एक विशाल जुलूस भी निकाला गया जो रांची पटना रोड, कोडरमा बाजार होते हुए जिला समाहरणालय पहुंचकर प्रर्दशन व सभा में तब्दील हो गया। जुलुस व प्रर्दशन में आवाज दो हम एक हैं, बकाया मानदेय देना होगा, संयोजिका का मानदेय चालू करो, न्यूनतम वेतन देना होगा, नया लेबर कानून वापस लो, मजदूर विरोधी मोदी सरकार मुर्दाबाद आदि नारे लगाए जा रहे थे।

बबीता देवी व पूनम खातून की संयुक्त अध्यक्षता व रेखा देवी व संध्या पाण्डेय के संयुक्त संचालन में हुई सभा को सम्बोधित करते हुए मुख्य वक्ता संजय पासवान ने कहा कि मोदी सरकार की किसान, मजदूर, युवा विरोधी नीतियों के खिलाफ पूरा देश आंदोलनरत है। केन्द्र सरकार अपनी नीतियों से लगातार मजदूरों पर हमला कर रही है, सरकारी संपत्ति बेचकर नौजवानों को बेरोजगार बना रही है। आज देश रसातल में जा रहा है, भविष्य अंधकारमय है। सभी वर्गों को एक होकर इस सरकार के खिलाफ संघर्ष करना होगा। कहा कि स्कूलों मे हजारों बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन बनाने वाली रसोईया जो गरीब घर की महिलाएं है, जिनका जीविका का एकमात्र साधन इसी मानदेय पर चलता है। जो बच्चों का खाना बनाने, उनका जूठा बर्तन साफ करने का काम करती है। इनको नौ माह से मानदेय नहीं देना मानवता के खिलाफ है।

मजदूर कर्मचारी समन्वय समिति के जिला सचिव दिनेश रविदास ने कहा कि रसोईयांे को मात्र 66 रूपये प्रति दिन के हिसाब से मानदेय दिया जाता है, जो एक तरह से मजाक है, इसलिए इन्हें न्यूनतम मजदूरी मिलना चाहिए।

यूनियन के प्रभारी और सीटू नेता महेन्द्र तुरी व प्रकाश यादव ने कहा कि स्कूल की संयोजिका जो दिन भर स्कूल में भोजन बनने की निगरानी करती है, उन्हें भी सम्मान दिया जाना चाहिए और इनका मानदेय शुरू किया जाना चाहिए। निर्माण मजदूर यूनियन के नेता प्रेम प्रकाश ने कहा कि हेमंत सरकार से मजदूर वर्ग को काफी उम्मीद है, लेकिन इस पर सरकार खरा नहीं उतर रही है। इसलिये सबको एक होकर अपने अधिकार के लिए आंदोलन तेज करना होगा।

आंगनबाड़ी संघ (सीटू) की प्रदेश संयुक्त सचिव पूर्णिमा राय ने कहा कि महिलाओं पर चैतरफा हमला और शोषण किया जा रहा है, लेकिन आज हर आंदोलन में महिलाओं की भागीदार बढ़ रही है। एकजुट होकर आधिकार छीनना होगा। प्रर्दशन के बाद रसोईया संयोजिका की मांगों से संबंधित 6 सूत्री मांग पत्र उपायुक्त के नाम सौंपा गया।

प्रदर्शन मे बबीता देवी, रेखा देवी, संध्या पाण्डेय, पुनम खातून, रेशमी देवी, चम्पा देवी, गुड़िया देवी, गीता देवी, छाया देवी, कुन्ती देवी, नेहा देवी, गौरवा देवी, बसंती देवी, सुंदरी देवी, पार्वती देवी, सुनीता पाण्डेय, विमला देवी, यशोदा देवी, सुंदरी देवी, फुलवा देवी, यशोदा देवी, आरती देवी, पार्वती देवी, संजू देवी मुनेजा खातून, रीना देवी, तेजनी देवी, ऋतु देवी, छाया देवी, मृदुला देवी, मालती देवी सहित बड़ी संख्या में रसोईया और संयोजिका मौजूद थी।

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