एनजीटी लागू होने के बावजूद गावां के नदियों से हो रहा है बालू का उठाव
- पानी टंकी के निर्माण कार्य में किया जा रहा है बालू का प्रयोग
- खनन पदाधिकारी और एसडीएम ने कहा जांच कर करेंगे कार्रवाई
गिरिडीह। एक ओर जहां झारखंड सरकार बालू उत्खनन पर पूर्णतः रोक लगाए हुए है और एनजीटी भी लागू है। बावजूद इसके गिरिडीह के गावां में नदियों से बालू का उठाव धडल्ले जारी है। बालू का उपयोग सरकारी योजना से बनाए जा रहे पानी टंकी में किया जा रहा है।
बता दें कि गावां प्रखंड के पसनौर और मंझने में पीएचडी विभाग द्वारा पानी टंकी का निर्माण किया जा रहा है और इसमें प्रयोग किए जा रहे बालू को स्थानीय नदियों से ट्रैक्टर के माध्यम से खपत किया जा रहा जिससे नदी की अस्तित्व खतरे में आ पहुंची है। वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री आवास या निजी आवास बनाने वाले लोगों को बालू मिलना भी दुर्लभ हो गया है।
बताते चलें कि उक्त योजना में कार्य कर रहे मजदूरों की भी सेफ्टी का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। मौके पर मौजूद मजदूरों का कहना है कि पानी टंकी 40 फीट ऊंचाई पर स्थित है मगर संवेदक द्वारा उन्हे कोई भी सेफ्टी इक्विपमेंट नही दिया गया है जिससे वे जान जोखिम में डाल कर कार्य कर रहे हैं। वहीं ग्रामीणों के बीच निर्माण कार्य में अनाधिकृत छड़ के प्रयोग किए जाने की भी चर्चा है।
बताते चलें कि निर्माण कार्य स्थल पर संवेदक द्वारा कोई भी बोर्ड नही लगाया गया है जिससे योजना का कोई भी डिटेल्स नहीं पता चल रहा है और न ही इस्टीमेट दिखाई दे रहा है।
इस संबंध में जब जिला खनन पदाधिकारी सतीश नायक से जानकारी लिया गया तो उन्होंने बताया कि एनजीटी के दरमियान किसी भी नदी से बालू उठाव के लिए पूरे तरह से रोक लगाया गया है साथ ही स्थानीय प्रशासन को इस पर रोक लगाने के लिए आदेश दिया गया है। उन्हे जानकारी प्राप्त हुई है कि वे जांच कर आगे की कार्यवाही करेंगे।
वहीं खोरोमहुआ एसडीएम धीरेंद्र कुमार सिंह में बताया कि 15 जून से 15 अक्टूबर तक एनजीटी लागू रहता है और इस दौरान किसी भी नदी से बालू का खनन पूर्णतः प्रतिबंधित है। किसी भी गैरसरकारी या सरकारी कार्य में बालू का उठाव कर प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए। इस पर वे जांच कर कार्रवाई करेंगे।