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डोरंडा में 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ को लेकर निकाली गई भव्य कलश यात्रा

  • 508 महिलाएं व युवतियां हुई कलश यात्रा में शामिल, 24 फरवरी से शुरू होगा महायज्ञ

गिरिडीह। अखिल विश्व गायत्री परिवार के द्वारा राजधनवार के डोरंडा किष्किंधा पहाड़ में शुक्रवार को राष्ट्र जागरण को लेकर 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ की शुरूआत भव्य कलश यात्रा से की गई। कलश यात्रा में 508 महिलाओं व युवतियों ने अपने माथे पर मंगल कलश रखकर कार्यक्रम स्थल किष्किंधा पहाड़ से जमुनिया तालाब पहंुची। वहां पर वैदिक मंत्रोंच्चारण के बीच कलश में जल भरा गया। उसके बाद पुनः डोरंडा बाजार का भ्रमण कर यह मंगल कलश यात्रा किष्किंधा पहाड़ पहुंच कर समाप्त हुई। जहां सामूहिक रूप से कलशों की आरती की गई उसके बाद शांतिपाठ के साथ मंगल कलश यात्रा का समापान किया गया।

मौके पर गायत्री परिवार के प्रमुख कामेश्वर सिंह ने कहा कि यह आयोजन गायत्री तीर्थ शांतिकुंज हरिद्वार के द्वारा पूरे भारत वर्ष किए जा रहे राष्ट्र जागरण गायत्री महायज्ञ के अंतर्गत किया जा रहा है। इसका उद्देश्य समाज में व्याप्त नशा, अंधविश्वास, कुरीति, दहेज प्रथा, बाल विवाह सहित अन्य सामाजिक बुराइयों को जड़ से समाप्त करना है और गायत्री महामंत्र जो सद्बुद्धि का महामंत्र है उसे घर-घर जन-जन तक पहुंचना है।

बताया गया कि 24 फरवरी को यज्ञशाला में देव पूजन के साथ इस महायज्ञ का शुभारंभ किया जायेगा। उसके बाद सभी लोग बिना किसी भेदभाव के इस इस महायज्ञ में मनुष्य मात्र के उज्जवल भविष्य के लिए आहुतियां प्रदान करेंगे। इस महायज्ञ में वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पंडित श्रीराम शर्मा रचित साहित्य का साहित्य स्टॉल भी लगाया गया है। तीन दिनों तक इस महायज्ञ में विभिन्न प्रकार के संस्कार यथा मुंडन, अन्नप्राशन, विद्यारंभ, दीक्षा, यज्ञोपवीत, विवाह सहित अन्य प्रयोजन निःशुल्क संपन्न कराया जायेगा। वहीं 25 फरवरी की शाम को दीप महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा।

आयोजन को सफल बनाने में कामेश्वर सिंह, बुधनचंद यादव, नागेश्वर यादव, लखन यादव नरेश यादव, मनोज शर्मा, अनिल साव, किशोर यादव, सुखदेव साव, भागीरथ प्रसाद सिंह, बासुकीनाथ राय के अलावे महिला मंडल व प्रज्ञा मंडल से जुड़ी महिलाओं के अलावे स्थानीय लोग योगदान दे रहे है।

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