प्राचीन हनुमान मंदिर के पिछले हिस्से की जमीन की जांच करने पहुंचे सीओ
मंदिर प्रबंधन और महेश शर्मा उक्त जमीन पर जता रहे है अपना हक
गिरिडीह। शहर के बरगंडा पुराना उसरी पुल के समीप बने प्राचीन सिद्ध हनुमान मंदिर के पिछले हिस्से के भूखंड की जांच करने बुधवार को सदर अंचलाधिकारी रवीन्द्र सिन्हा पहुंचे। जहां नगर थाना पुलिस के मौजदूगी में जांच की प्रकिया शुरु करने पर चर्चा किया जा रहा था। लेकिन समाचार लिखे जाने तक जांच शुरु नहीं किया गया था। इस दौरान सीओ ने अचंल के कर्मियों से नक्शा मंगवाया और मंदिर के विवादित प्लाॅट के हिस्से को नक्शे में देखा। लेकिन नक्शे में भी शुरुआती दौर में विवादित हिस्सा मंदिर के प्लाॅट के रुप में दिखा।
जमीन की मांपी के बाद ही कुछ कहना संभव: सीओ
सीओ ने कहा कि जब तक पूरे विवादित प्लाॅट की नापी नहीं की जाएगी तबतक कुछ भी स्पस्ट नहीं कहा जा सकता। सीओ के अनुसार विवादित प्लाॅट पर अधिकार जता रहे मंदिर के समीप के महेश आनंद शर्मा ने लिखित शिकायत कि थी कि मंदिर के पिछले हिस्से में एक हवन कुंड और झोपड़ी बना दिया गया है। जबकि वह प्लाॅट उनका है। कहा कि जिस वक्त हवन कुंड और झोपड़ी का निर्माण हुआ था। उस वक्त मंदिर के संस्थापक सह भाजपा नेता विनय शर्मा और रामलला झा ने सिर्फ यह कहा था कि सिर्फ पूजा और हवन के लिए दोनों बनाएं जा रहे है। लेकिन अब हवन कुंड और झोपड़ी के चारों तरफ चारदीवारी बनाने का प्रयास किया जा रहा है। फिलहाल इसी चारदीवारी निर्माण का विरोध प्लाॅट पर अधिकार जता रहे महेश शर्मा व उनके परिवार के सदस्यों द्वारा किया जा रहा है।
मंदिर के पिछले हिस्से की जमीन मंदिर की: रामलला झा
इधर मंदिर के संस्थापक सदस्यों में रामलला झा ने भी स्थानीय प्रशासन को लिखित शिकायत किया था। कि पिछला हिस्सा पूरा मंदिर का है। जिस पर हवन कुंड और झोपड़ी बना हुआ है। मंदिर प्रबंधन ने अपने हिस्से में दोनों का निर्माण किया है। फिर इस हिस्से पर दुसरे लोग कैसे अपना अधिकार जता रहे है। क्योंकि मंदिर का हिस्सा रहने के कारण ही हवन कुंड बनाया गया था। जिसके चारों तरफ अब चारदीवारी का निर्माण करना है।