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पैसे के लिए गोविंदपुर में रोक कर रखी गई आदिवासी महिला मरीज को अस्पताल ने छोड़ा

  • माले ने कहा, उनका प्रयास लाया रंग, पहले भी कई मरीजों को निजी अस्पतालों के चंगुल से करा चुके है मुक्त
  • भाकपा माले ने की सिविल सर्जन प्राइवेट हॉस्पिटल के दलालों पर कार्रवाई की मांग

गिरिडीह। बेंगाबाद थाना क्षेत्र के दुंदो निवासी एक आदिवासी महिला मरीज के साथ हुई घटना मामले को लेकर माले के द्वारा किये गये पहल के बाद गोविंदपुर के सितारा हॉस्पिटल से मरीज को रिलिज कर दिया गया है। माले के राज्य कमेटी सदस्य राजेश यादव तथा गिरिडीह विधानसभा प्रभारी राजेश सिन्हा ने बेंगाबाद थाना क्षेत्र के दुंदो निवासी एक आदिवासी महिला मरीज के साथ हुई घटना का भी जिक्र करते हुए बताया कि विगत 17 नवंबर को इलाज के लिए सदर अस्पताल आने के बाद दलालों ने उसे बरगला कर एक प्राइवेट क्लीनिक में भर्ती करा दिया जहां से उसे गोविंदपुर के सितारा हॉस्पिटल पहुंचा दिया गया।

गोविंदपुर के हॉस्पिटल में उस गरीब परिवार से ऑपरेशन तथा इलाज के नाम पर ढाई लाख रुपए का बिल बना दिया गया है, जिसका भुगतान करने में वे असमर्थ थे। फिर भी घर जायदाद संपत्ति आदि बेचकर अथवा बंधक रखकर उन लोगों ने किसी तरह करीब डेढ़ लाख अस्पताल में जमा किया, लेकिन शेष पैसे के भुगतान के लिए मरीज को अस्पताल ने रोक लिया था।

बताया कि मामले को संज्ञान में लेते हुए माले की टीम ने बुधवार को मरीज के गांव जाकर वस्तु स्थिति से अवगत हुए और मरीज को अस्पताल से लाने की पहल की। मामला उलझता देख गुरुवार को गोविंदपुर के सितारा अस्पताल ने बिना बकाया भुगतान लिए मरीज को उसके परिजनों को सौंप दिया और वे अपने घर पहुंच गए।

माले ने मरीज के छूटने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि, इस तरह के करीब आधा दर्जन मामलों में पार्टी की पहल पर गरीबों को प्राइवेट अस्पताल के चंगुल से छुड़ाया गया है। उन्होंने सीविल सर्जन व प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि सदर अस्पताल तथा चौताडीह के मातृत्व अस्पताल में विचरण करने वाले दलालों को चिन्हित कर उनके ऊपर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। माले नेताओं ने पत्र की प्रति सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, बगोदर के माले विधायक विनोद सिंह तथा गिरिडीह के उपायुक्त को भी प्रेषित की है।

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