दशकों पुराने परंपरा का निर्वाहन करते हुए शहरी क्षेत्र की चार प्रतिमाओं को कांधे पर लेकर विसर्जन के लिए निकले भक्त
- मां की प्रतिमा को कांधे पर लेने के लिए व्याकुल दिखी भक़्तों की भीड़
- जय दुर्गे के जयकारे से गूंजा शहर, चौक चौराहे पर मां का दिदार करने के लिए खड़े थे भक्त
गिरिडीह। भक्तों के बीच बड़की मईया और छोटकी मईया के नाम से प्रसिद्ध जिले के प्रमुख मंडपों में एक शहर के आईसीआर रोड स्थित श्रीश्री आदि दुर्गा मंडप और छोटी काली मंडा में विजया दशमी के मौके पर भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। भक्तों ने मां की प्रतिमा को कांधे पर लेकर नंगे पाव शहर भ्रमण करते हुए विसर्जन के लिए ले गये।
युं कहा जाये कि श्रीश्री आदि दुर्गा मंडप और छोटी काली मंडा सहित मां की विदाई की सबसे रोचक दृष्य शहर के आधा दर्जन मंडपों में देखने को मिली। जहां दशकों पुराने परंपरा के अनुसार माता की प्रतिमा को कांधे पर ले जाने के लिए भक्तो की भीड़ उमड़ी हुई थी। शाम ढलते ही श्रीश्री आदि दुर्गा मंडप और छोटी दुर्गा मंडप की प्रतिमा को भक्तो की भीड़ कांधे पर लेकर निकले और शहर के विभिन्न चौक चौराहों से होते हुए बरवाडीह स्थित मानसरोवर तालाब पहुंचे। दोनो प्रतिमा कुछ मिनटों के अंतराल में साथ चल रही थी। वहीं दोनांे प्रतिमाओं को कांधे पर लेने के लिए युवाओं की भीड़ काफी व्याकुल दिखी। दूसरी तरफ दशकों पुराने परंपरा को देखने के लिए शहर के बड़ा चौक, गांधी चौक, गद्दी मुहल्ला, हुट्टी बाजार समेत कई इलाकों में हजारों की संख्या में भक्त मौजूद थे।
इधर शहर के बरगंडा सार्वजनिक काली मंडा की प्रतिमा को भी कांधे पर लेकर भक्तो की भीड़ निकली। जय दुर्गे का उद्घोष करते हुए एक एक भक्त माता की प्रतिमा को कांधे पर लेने के व्याकुल थे। बरगंडा सार्वजनिक काली मंडा से निकल कर प्रतिमा लिए भक्तो की भीड़ शहर के कई चौक चौराहों से होते हुए बरगंडा के सुंदर तालाब पहुंची। जहां आरती के बाद माता की प्रतिमा को विसर्जित किया गया।
वहीं शाम ढलते ही उपनगरी पचम्बा के पचम्बा सार्वजनिक दुर्गा मंडप की प्रतिमा को इसी परंपरा के तहत भक्तो की भीड़ दुर्गा मंडप से कांधे पर लेकर निकली। एक-एक भक्त मां के जयकारे लगा रहा था। प्रतिमा लिए भक्तो की भीड़ दुर्गा मंडप से निकली और पचम्बा के बुढवाहार तालाब पहुंची। जहां आरती के बाद माता को नम आंखों से विदाई देते हुए प्रतिमा विसर्जन किया।