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पानी टंकी फैक्ट्री में ब्लास्ट की घटना में घायल एक कर्मी की हुई मौत

  • बोकारो बीजीएच में चल रहा था इलाज
  • भाकपा माले ने कार्रवाई के साथ ही मुआवजे की मांग
  • घटना की चल रही है जांच
  • एनओसी और लाईसेंस देने के लिए प्रदुषण बोर्ड और फैक्ट्री निरीक्षक की सामने आ रही है लापरवाही

गिरिडीह। शहर के मकतपुर-अरगाघाट रोड स्थित पानी टंकी फैक्ट्री में ब्लास्ट की घटना में घायल छह कर्मियों में एक कर्मी की मौत बुधवार को हो गई। मृतक कर्मी 20 वर्षीय गु्ड्डु हज्जाम सदर प्रखंड के महेशलुंडी का रहने वाला था। मृतक के परिजनों को अचानक सुबह जानकारी मिली कि बीजीएच बोकारो में इलाज के दौरान गु्ड्डु की मौत हो गई। इसके बाद घर में भी कोहराम मच गया। परिजन जहां फैक्ट्री प्रबंधक के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे। वहीं भाकपा माले नेता राजेश यादव और राजेश सिन्हा ने गिरिडीह प्रशासन से फैक्ट्री प्रबंधक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए मृतक के आश्रितों को उचित मुआवजा देने को कहा।
बतातें चले कि एक सप्ताह पहले ही शहर के मकतपुर-अरगाघाट रोड स्थित घनी आबादी में संचालित पानी टंकी में तेज आवाज के साथ ब्लास्ट हुआ था। शाम को हुई घटना के दौरान जहां आसपास के कई घरों के खिड़कियों के शीशे टूटे थे। वहीं घटना में फैक्ट्री के छह कर्मी गंभीर रुप से झुलस गए थे। आनन-फनन में फैक्ट्री मालिक मनीष तर्वे ने घायल कर्मियों को इलाज के पहले सदर अस्पताल पहुंचाया था। लेकिन सभी के हालात गंभीर देखते हुए चिकित्सकों ने घायलों को बीजीएच रेफर कर दिया था। वहीं घटना के सप्ताह दिनों बाद इलाजरत गुड्डु हज्जाम की मौत हो गई।

घटना के तीसरे दिन एसडीएम ने दिया जांच का आदेश

घटना के तीसरे दिन मामले की गंभीरता को देखते हुए सदर एसडीएम प्रेरणा दीक्षित ने जांच का आदेश दिया था। जांच टीम में शामिल फैक्ट्री निरीक्षक गोपाल कुमार, कार्यपालक दडांधिकारी धीरेन्द्र कुमार और अग्निशमन विभाग के पदाधिकारी मोहन चाौधरी द्वारा घटना की जांच अब की जा रही है। लेकिन प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो जांच टीम को फैक्ट्री प्रबंधन से जो दस्तावेज मिलने चाहिए थे। वह अब तक प्रबंधन द्वारा टीम को नहीं दिया गया है। जिससे पता चल सके कि घनी आबादी में विष्फोटक पद्धार्थ के बीच फैक्ट्री चलाने की मंजूरी किस स्तर पर दिया गया।

प्रावधानों के नियमानुसार नहीं है लाईसेंस निर्गत करना

अग्निशमन विभाग की मानें तो लाईसेंस चाहें जिस स्तर पर दिया गया है। यह प्रावधानों के नियमानुसार नहीं है। क्योंकि घनी आबादी में विष्फोटक पद्धार्थ के साथ किसी तरह का प्लांट चलाने की स्वीकृति नहीं दिया जा सकता है। बहरहाल, इन बातों के सामने आने से यह तो जाहिर है कि प्रदुषण बोर्ड के पदाधिकारी और फैक्ट्री निरीक्षक ने सारे नियमों को ताक पर रखकर व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए एनओसी और लाईसेंस जारी किया है।

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