सड़क दुर्घटना के शिकार युवक के शव को डुमरी पुलिस ने ओपेन ठेले से भेजा सदर अस्पताल
- पुलिस की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल, जनप्रतिनिधियों सहित लोगों ने जमकर की आलोचना
गिरिडीह। युं तो जनता की सुरक्षा के लिए, जनता के सहयोग के लिए पुलिस होती है। लेकिन अक्सर पुलिस के अधिकारी व जवान अपनी हरकतों से जनता को मर्माहत करने में कोई कसर नही छोड़ते है। ऐसा ही एक वाक्या डुमरी में उस वक्त देखने को मिला जब सड़क हादसे में जान गवां चुके राजु यादव नामक युवक के शव को पोस्टमार्टम के लिए पुलिस ने खुले हुए मोटर ठेले से गिरिडीह सदर अस्पताल भेज दिया। मानवता को तार तार कर देने वाली यह घटना शुक्रवार की है। इस दौरान उसके शव को कपड़े से ढका भी नही गया था। ओपेन ठेले में मृतक के शव को 40 किलोमीटर की दूरी तय कर गिरिडीह सदर अस्पताल लाया गया। डुमरी पुलिस के इस करतूत को जिस किसी ने भी गिरिडीह डुमरी मुख्य मार्ग में देखा उन्होंने सिर्फ पुलिस की आलोचना ही नही की बल्कि उसे पुरी तरह से संवेदनहीन बताया।
इधर पुलिस की इस करतूत के बाद मृतक के परिजनों ने जमकर हंगामा किया। परिजनों द्वारा हंगामा करते देख कई जनप्रतिनिधि भी वहां पहुंचे और डुमरी पुलिस के करतूत की कड़ी निन्दा की। स्थानीय जनप्रतिनिधियों समेत परिजनों ने थाना प्रभारी और एक दरोगा पर आक्रोश जाहिर करते हुए कहा की संसाधन रहते हुए भी डुमरी थाना प्रभारी और दरोगा ने जो करतूत किया है। उससे साबित होता है की पुलिस पूरी तरह से बेलगाम हो गई है। किसी अधिकारी पर सीनियर अधिकारियों का कोई कंट्रोल नही रह गया है।
बताया जाता है कि डुमरी थाना इलाके के जामतारा गांव में गुरुवार की देर रात बाइक के टक्कर से एक राहगीर राजू यादव गंभीर रूप से जख्मी हो गया था। इस दौरान स्थानीय लोगो ने जख्मी राजू को डुमरी रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया। लेकिन इलाज के क्रम में उसकी मौत हो गई थी।