साइबर सेल की टीम ने गिरिडीह जेल के जिस सिपाही को चोरी का मोबाइन खरीदने के आरोप में लिया हिरासत में, उस मोबाइल से व्यक्ति से हो चुका था दो लाख 62 हजार की ठगी
जेल से निकले शातिर साइबर अपराधी ने ठगी के बाद सिपाही को बेंचा था दो हजार में मोबाइल
गिरिडीहः
चोरी का मोबाइल खरीदने के आरोप में दिल्ली साईबर सेल की टीम के अधिकारी ने गिरिडीह जेल के कारापाल को पूछताछ के लिए हिरासत में लेकर दुसरे दिन मंगलवार को रांची में घूमती रही। लेकिन कारापाल सुरेन्द्र पासवान को मोबाइल बेंचने वाला आरोपी पवन मंडल अब भी दिल्ली साइबर सेल के गिरफ्त से बाहर है। जबकि मुख्य आरोपी पवन मंडल का लोकेशन रांची बताएं जाने की सूचना है। पुलिस सूत्रों की मानें तो फरार अपराधी पवन मंडल ने जिस मोबाइल फोन को गिरिडीह सेन्ट्रल जेल के कारापाल सुरेन्द्र पासवान को दो हजार में बेंचा था। उस मोबाइल से पिछले साल दिल्ली निवासी रमणदीप सिंह से दो लाख 62 हजार की ठगी फरार अपराधी पवन मंडल ने किया था। इसके बाद इसी मोबाइल को साइबर अपराधी पवन ने दो हजार में कारापाल सुरेन्द्र पासवान को बेंचा था। दो लाख 62 हजार की ठगी का मामला होने के बाद भुक्तभोगी रमनदीप सिंह ने दिल्ली के साइबर सेल में आवेदन देकर केस भी दर्ज कराया था।
भुक्तभोगी के आवेदन पर ही दिल्ली साइबर सेल ने थाना कांड संख्या 207/20 दर्ज किया था। केस दर्ज करने के बाद साइबर सेल की टीम जांच में जुटी। तो ठगी का कनेक्शन इसी मोबाइल से होने की बात सामने आई। और जांच करते हुए साइबर सेल की टीम बीतें सोमवार को गिरिडीह पहुंची। और शीतलपुर से जमीन कारोबारी काजल राम को हिरासत में ले ली। अंजाने लोगों द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद ही पूरे इलाके में अफवाह जमीन कारोबारी के अपहरण का फैला। लेकिन कुछ देर में ही मामला सब कुछ स्पस्ट हो गया। पुलिस सूत्रों की मानें तो ठगी का आधार बने मोबाइल में अपना सीम कार्ड लगाकर कारापाल ने सबसे अधिक जमीन कारोबारी सुरेन्द्र पासवान से बात किया था। इसके बाद दिल्ली के साइबर सेल टीम के अधिकारी पवन कुमार और दीपक कुमार सोमवार को स्थानीय पुलिस को बगैर कोई सूचना दिए काजल राम को हिरासत में ले लिया। पुलिस सूत्रों की मानें तो कारापाल को दो हजार में चोरी का मोबाइल बेंचने वाला पवन मंडल फिलहाल फरार है। लेकिन पिछले साल 2019 में ही साइबर अपराधी पवन मंडल गिरिडीह जेल से जमानत पर बाहर निकला था। बेंगाबाद के चपुआडीह निवासी पवन मंडल एक शातिर साइबर अपराधी बताया जा रहा है।