अफीम की खेती करने के आरोप में गिरिडीह के पीडीजे के कोर्ट ने आठ आरोपियों को माना कसूरवार, तीन दिनों बाद सुनाया जाएगा फैसला
गिरिडीहः
नक्सल प्रभावित इलाके में अफीम की खेती करने के आरोप में गिरिडीह के जिला एंव सत्र न्यायधीश वीणा मिश्रा ने आठ लोगों को दोषी पाया। और अब तीन दिनों बाद आठ आरोपियों को सजा सुनाया जाएगा। सोमवार को पीडीजे के कोर्ट ने एनडीपीएस एक्ट के तहत जिन आठ आरोपियों को दोषी पाया है। उसमें पीरटांड के खुखरा थाना क्षेत्र के हरलाडीह के कोल्हरिया गांव निवासी नंदलाल मंडल, सपन मंडल, जीतू मंडल, प्रवीण मंडल, मेघलाल मंडल, आनंद मंडल, मंटु मंडल और सुखदेव मंडल शामिल है। अफीम की खेती से जुड़ा यह मामला साल 2013 का है। आठों के खिलाफ गांडेय के पुलिस निरीक्षक गोवर्धंन उरांव ने पीरटांड थाना में केस दर्ज कराया था। जिसमें आठों पर आरोप लगाते हुए कहा था कि साल 2013 में नक्सलियों के खिलाफ 20 फरवरी को सीआरपीएफ के सहायक कमांडेट कुलदीप सिंह के नेत्तृव में एलआरपी चलाया गया था। सीआरपीएफ के सहयोग से हरलाडीह के पश्चिमी इलाके में एलआरपी चलाने के क्रम में हरलाडीह के कोल्हरिया गांव मंे अफीम की खेती होते देखा गया। एलआरपी के क्रम में ही सुरक्षा बलों के जवानों ने पूरे खेती को नष्ट कर दिया था। क्योंकि एक हेक्टेयर से अधिक जमीन पर अफीम की खेती की जा रही थी। लिहाजा, खेती को नष्ट किया गया। लेकिन कार्रवाई के दौरान ही सुरक्षा बल को जानकारी मिली कि अफीम की खेती से ही इलाके के माओवादी संगठन को कोल्हरिया गांव के करीब आठ लोगों द्वारा लेवी भी उपलब्ध कराया जा रहा है। क्योंकि कोल्हरिया गांव में अफीम की खेती का निर्यात महानगरों में किया जा रहा है। लिहाजा, पूरी जानकारी जुटाते हुए गांडेय के पुलिस निरीक्षक ने आठ आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर गिरफ्तार कर जेल भेजा था। वहीं 10 साल बाद मामले में कोर्ट ने आठों आरोपियों को दोषी मानते हुए आरोप गठित किया। और अब तीनों बाद सजा सुनाया जाना है।