विश्व पर्यावरण दिवस पर डीएलएसए ने किया व्यवहार न्यायालय परिसर वृक्षारोपण एवं जागरूकता कार्यक्रम
- न्यायीक पदाधिकारियों ने लगाए पौधे, लोगों को किया जागरूक
- पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सजग होकर कार्य करने की आवश्यकता: वीणा मिश्रा
गिरिडीह। विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से व्यवहार न्यायालय प्रांगण में वृक्षारोपण सह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष वीणा मिश्रा, कुटुंब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश अरविंद कुमार पांडेय सहित अन्य सभी न्यायिक पदाधिकारियों ने वृक्षारोपण किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीणा मिश्रा सहित अन्य न्यायीक पदाधिकारियों ने कहा कि प्रकृति का संरक्षण करना हम सभी लोगों का दायित्व है। पर्यावरण को संरक्षित रखने के लिए हम सभी को अधिक से अधिक संख्या में पेड़ पौधों को लगाना चाहिए। साथ ही वनों की अनावश्यक कटाई नहीं करनी चाहिए। कहा कि औद्योगिकरण के इस दौर में मनुष्यों ने पेड़ों की अंधाधुंध कटाई कर पर्यावरण को गंभीर क्षति पहुंचाई है, इसके परिणाम स्वरूप ग्लोबल वार्मिंग का खतरा पूरी पृथ्वी के ऊपर मंडरा रहा है एवं लगातार धरती के तापमान में वृद्धि हो रही है। इससे सभी प्राणियों के साथ-साथ मानव जीवन के ऊपर भी गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है। कहा कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सजग होकर कार्य करने की आवश्यकता है। यदि हम लोग आज भी सचेत नहीं हुए तो आने वाले समय में इसके काफी गंभीर परिणाम हमारी आने वाली पीढ़ियों को उठाना पड़ेगा।
कुटुंब न्यायालय के प्रधान न्यायधीश अरविंद कुमार पांडेय ने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा करने से ही हम सभी सुरक्षित रह सकते हैं। आज वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण इत्यादि विभिन्न प्रकार के प्रदूषणों से हमारी धरती आहत हो रही है। इस वजह से हम सभी के समक्ष भी जीवन संकट का खतरा उत्पन्न हो चुका है। अतः हम सभी लोगों को अभी से सचेत रहकर पर्यावरण के संरक्षण की दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है।
जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव सौरव कुमार गौतम ने पर्यावरण दिवस के इतिहास एवं इसकी महत्ता तथा उपयोगिता को बताते हुए कहा कि यह पृथ्वी हमें प्रकृति के द्वारा दिया गया अनुपम उपहार है एवं इसको अनंत काल तक संरक्षित करके रखना हम सभी लोगों का परम कर्तव्य है। कहा कि मनुष्यों की दैनिक उपयोगिताएं एवं आधुनिकीकरण के इस अंधी दौड़ में हम सभी लोगों ने प्रकृति के संतुलन को बिगाड़ कर रख दिया है, परिणाम स्वरूप हमारी धरती के तापमान में निरंतर वृद्धि हो रही है। कहा कि यदि हम लोग समय रहते सचेत नहीं हुए तथा इस प्रकृति को संरक्षित रखने की दिशा में पूरे लगन से और सामूहिक रूप से काम नहीं किए तो वह दिन दूर नहीं कि जब इस धरती से अन्य प्राणियों के साथ साथ मानव प्रजाति भी विलुप्त होने के कगार पर आ जाएंगे।
उन्होंने सभी पारा लीगल वॉलिंटियर्स को निर्देश देते हुए कहा कि सभी अपने-अपने क्षेत्रों में आज के दिन पेड़-पौधों को लगाकर इस महोत्सव को मनाएं, तथा आम लोगों को भी अधिक से अधिक संख्या में पेड़ पौधों को लगाने एवं उसे सुरक्षित करने हेतु प्रेरित करें।
कार्यक्रम में जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रथम गोपाल पांडेय, जिला एवं सत्र न्यायधीश अष्टम यशवंत प्रकाश, जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश द्वितीय आनंद प्रकाश, अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय अजय कुमार श्रीवास्तव, जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश तृतीय सोमेंद्र नाथ सिकदर, जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश चतुर्थ पीयूष श्रीवास्तव, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी लक्ष्मीकांत, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अशोक कुमार, न्यायाधीश प्रभारी आशीष अग्रवाल सहित न्यायिक पदाधिकारी, वन विभाग के पदाधिकारी, पैनल के अधिवक्ता उपस्थित थे। वहीं कार्यक्रम को सफल बनाने में व्यवहार न्यायालय के कर्मचारी प्रभाकर कुमार सिंह, राजेश कुमार, प्राणेश अजीत, नवनीत कुमार दाराद, ताबिश जहूर के अलावे पारा लीगल वालंटियर्स दिलीप कुमार, अशोक कुमार वर्मा, शालिनी प्रिया, संतोष कुमार, अनवारूल हक की सराहनीय भूमिका रही।