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गोली फायरिंग का झूठा कहानी गढ़ने वाले आरोपी को गिरिडीह के मुफ्फसिल पुलिस ने किया गिरफ्तार, घर पर कब्जा करने की नीयत से गढ़ी कहानी

गिरिडीहः
जमीन विवाद में तीन साल पुराने हत्याकांड को लेकर रविवार की देर रात गोली फायरिंग की घटना हुई। घटना गिरिडीह के मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के बनखंजो रेल पुल के समीप का बताया जा रहा है। घटना के बाद देर रात ही मामले में जब पुलिस ने जांच किया, और कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया। पुलिस के हत्थे चढ़े आरोपियों में सिहोडीह का राहुल यादव समेत अन्य है। जबकि इसी राहुल यादव ने दुसरे दिन सोमवार को थाना में झूठा आवेदन भी दिया कि उस पर सिहोडीह के ही मनीष यादव, सूबोध यादव और राजेश यादव ने बनखंजो रेल पुल के समीप पहले मारपीट किया। और उसके बाद उस पर फायरिंग भी किया। लेकिन मुफ्फसिल थाना पुलिस ने जब घटनास्थल पहुंच कर जांच शुरु किया। तो जांच में ही स्पस्ट हो गया कि झूठा आवेदन देने वाले राहुल यादव ने ही मनीष समेत उसके कुछ रिश्तेदारांे सूबोध और राजेश को फंसाने के लिए गोली फायरिंग किया था। जांच के दौरान मुफ्फसिल थाना प्रभारी कमलेश पासवान और एसआई प्रमोद कुमार सिंह ने इस दौरान घटनास्थल के आसपास कुछ लोगों से पूछताछ भी किया। जिसमें स्पस्ट हुआ कि राहुल यादव ने मनीष, सूबोध और राजेश को फंसाने के लिए बनखंजो रेल पुल के समीप फायरिंग किया। और दुसरे दिन सोमवार को झूठा कहानी बताकर छह लोगों को फंसाने का प्रयास किया। इसके पीछे राहुल का मकसद था कि फायरिंग के झूठे आरोप में पुलिस मनीष, सूबोध और राजेश यादव समेत छह लोगों को या तो गिरफ्तार कर लेगी, या झूठे केस में सभी छह पुलिस के डर से सिहोडीह स्थित घर को छोड़कर फरार हो जाएगें। इसके बाद मनीष यादव के घर की महिलाएं के मौजदूगी में उसके घर पर कब्जा कर लिया जाएगा। क्यांेकि पूरा विवाद सिहोडीह के इसी जमीन विवाद से जुड़ा हुआ। दरअसल, तीन साल पहले सिहोडीह निवासी और मनीष यादव के चाचा भागीरथ यादव की हत्या पैतृक संपति घर कब्जाने को लेकर राहुल यादव समेत उसके परिवार के लोगों ने कर दिया था। भागीरथ यादव की हत्या के बाद माहौल ऐसा बना कि पुलिस को माहौल संभालने में काफी पसीना बहाना पड़ा था। भागीरथ की हत्या के बाद पूरा गांव राहुल यादव समेत उसके परिवार के खून का प्यासा हो चुका था। लिहाजा, ग्रामीणों के साथ मृतक भागीरथ के भतीजे मनीष और बेटे समेत पूरा परिवार राहुल के घर को घेर लिया था। उस वक्त पुलिस ने भागीरथ यादव के हत्या के आरोप में राहुल समेत उसके परिवार के कई सदस्यों को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा था। लेकिन जमानत पर राहुल समेत कई जेल से छूटे थे। वहीं तीन साल बाद राहुल ने मनीष और उसके परिवार से बदला लेने और घर पर कब्जा करने की नीयत से फायरिंग की झूठी कहानी गढ़ा था।

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