पुण्यतिथि पर याद किये गये देश के महान वैज्ञानिक सर जेसी बोस
- अभाविप व समाजिक कार्यकर्ताओं ने माला पहना कर दी श्रद्धांजली
- विश्व पटल पर विज्ञान के क्षेत्र में भारत को अनूठी पहचान दिलाने वाले महान वैज्ञानिक थे सर जेसी बोस
गिरिडीह। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सहित कई समाजसेवियों ने सोमवार को देश के महान वैज्ञानिक सर जगदीश चन्द्र बोस की पुण्यतिथि के मौके पर उन्हें श्रद्धांजली अर्पित की। इस मौके पर सिनेट सदस्य रंजीत कुमार राय, स्वयंसेवी संस्था के सुरेश शक्ति, रितेश चन्द्रा, अभाविप के संदीप देव, सौरभ कुमार, सहित अन्य कार्यकर्ता ने जगदिश चन्द्र चैक पर पहुंचकर उनकी आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इस दौरान सभी ने विज्ञान भवन में स्थित उनकी जगदिश चन्द्र बोस की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए नमन किया।
वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बोस का गिरिडीह से रहा है गहरा नाता: रंजित राय
मौके पर सिनेट सदस्य रंजीत कुमार राय ने कहा कि महान वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बोस का हमारे गिरिडीह से गहरा नाता रहा है। उन्होंने अपने जीवन की अंतिम सांस गिरिडीह में ही लिये थे। जिस मकान में उन्होंने अंतिम सांस ली थी उस मकान में आज भी उनकी वह तिजोरी मौजूद है, जिसे आज तक खोला नहीं गया है। जेसी बोस के मकान को अब विज्ञान भवन बना दिया गया है। इसी में वो तिजोरी रखी है दो बार इसे खोलने का कार्यक्रम जिला प्रशासन ने निर्धारित किया लेकिन दोनों बार मिसाइल मैन और देश के प्रसिद्ध वैज्ञानिक व उस समय के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम आजाद साहब नहीं आ सकें नतीजा तिजोरी का रहस्य आज तक बरकरार है। उन्होंने सरकार और प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि देश के महान वैज्ञानिक के नाम पर शिक्षण संस्थान शुरू कर गरीब बच्चांे को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराया जाये।
भारत के पहले वैज्ञानिक शोधकर्त्ता सर जेसी बोस
मौके पर उपस्थित स्वयंसेवी संस्था के सुरेश शक्ति व रितेश चन्द्रा ने कहा कि आचार्य जगदीश चन्द्र बसु गिरिडीह की भूमि से जुड़े भारत के और विश्वप्रसिद्ध वैज्ञानिक थे। जिन्हें भौतिकी, जीवविज्ञान, वनस्पतिविज्ञान तथा पुरातत्व का गहरा ज्ञान था। वे पहले वैज्ञानिक थे जिन्होंने रेडियो और सूक्ष्म तरंगों की प्रकाशिकी पर कार्य किया। वनस्पति विज्ञान में उन्होनें कई महत्त्वपूर्ण खोजें की। साथ ही वे भारत के पहले वैज्ञानिक शोधकर्त्ता थे। बावजूद इसके सरकार व जिला प्रशासन द्वारा लगातार उनकी उपेक्षा की जा रही है।