बजट में मिले राहत तो एमएसएमआई में आएगा उछाल: शालिनी
- कोरोना महामारी के कहर ने सामाजिक जीवन एवं अर्थव्यवस्था को बुरी तरह किया प्रभावित
कोडरमा। देश में सूक्ष्म लघु मध्य उद्योग अर्थ व्यवस्था की रीढ़ के साथ-साथ रोजगार सृजन एवं राजस्व देने में अहम भूूमिका का निर्वाह करता है। कोरोना महामारी के कहर एवं प्रलय ने सामाजिक जीवन एवं अर्थव्यवस्थाको बुरी तरह प्रभावित किया है। ऐसे में एक फरवरी को संसद में वित्तमंत्री द्वारा बजट प्रस्तुत किया जाना है। इसको लेकर झारखंड जिला परिषद की अध्यक्ष सह कोडरमा जिला प्रधान शालिनी गुप्ता ने कहा कि सूक्ष्म लघु मध्य उद्योग एवं छोटे कारोबारियों जिनकी संख्या पूरे देश में 20 कारेड़ से अधिक है। उन्हें अपने व्यवसाय में राहत महसूस होगा। उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड औद्योगिक संसाधनों से परिपूर्ण है परंतु आज भी झारखंड में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है।
खासकर कोडरमा और गिरिडीह में माइका का कारोबार के संसाधन प्रचुर मात्रा में है लेकिन वन अधिनियम 1980 के तहत कई पाबंदियां हैं। इसे केंद्र और राज्य सरकार संयुक्त रुप से एक नीति बनाकर इस व्यवसाय को बढावा दे। जिससे यहां रोजगार के साथ-साथ देश के विकास को पंख लग जाएगा। साथ ही क्रशर उद्योग में भी नियम बनाकर इस कार्य को बढावा दिया जाए जिससे लोगों को रोजगार और सरकार को राजस्व भी मिल सके। जिप प्रधान ने यह भी कहा कि ईट उद्योग में एक अप्रैल 2022 से ईट पर पांच फीसदी जीएसटी बढाकर 12 प्रतिशत प्रावधान किया गया है। इसे भी लागू नहीं होने दिया जाए।
कहा कि झारखंड में आम बजट के साथ-साथ रेल बजट में उत्तरी छोटानागपुर के हजारीबाग से कोडरमा के रास्ते दिल्ली के लिए एक ट्रेन चलाई जाए। वहीं धनबाद से मुंबई के लिए नई ट्रेन गया से खुलनेवाली महाबोधी का विस्तार धनबाद तक किया जाए। साथ ही गत बजट में हावडा से मधुपुर, कोवाड, कोडरमा, गया के रास्ते पटना के लिए चलनेवाली ट्रेन को शीघ्र चलाया जाए। झारखंड में चल रही रेल परियोजना मसलन कोडरमा, तिलैया, राजगीर, पटना तथा कोडरमा, हजारी बाग टाउन बरकाकाना को रांची तक शीघ्र शुरु करने के लिए पहल करने की जरुरत है। ताकि तीसरा विकल्प यात्रियों को मिल सके।