अभ्रक उद्योग की रक्षा के लिए आहूत महाधरना को लेकर चलाया गया जनसंपर्क
कोडरमा। अभ्रक उद्योग बचाओ संघर्ष मोर्चा के द्वारा माइका इंडस्ट्री की बदहाली एवं उपेक्षा के खिलाफ तथा अभ्रक उद्योग को कानूनी दर्जा देने की मांग को लेकर आगामी 15 मार्च को जिला समाहरणालय के समक्ष महाधरना आहूत है। उक्त आंदोलन की तैयारी को लेकर शनिवार को जनसंपर्क अभियान चलाया गया। अभ्रक उद्योग बचाओ संघर्ष मोर्चा के संयोजक असीम सरकार तथा रांची से आए झारखंड लोकतांत्रिक मंच के संयोजक व सामाजिक कार्यकर्ता अशोक वर्मा के नेतृत्व में कोडरमा के दिबोर, मेघातरी, ताराघाटी सहित लगभग एक दर्जन गांवों में जनसंपर्क अभियान के माध्यम से ढिबरा पर निर्भर और इस आजीविका से जुड़े ग्रामीणों से महाधरना में भाग लेने का आह्वान किया गया।
सरकार की उदासीनता व पुलिस के जुल्म के खिलाफ आक्रोश
मोर्चा के संयोजक असीम सरकार ने कहा कि ग्रामीणों में सरकार की उदासीनता तथा वन एवं पुलिस विभाग के जुल्म के खिलाफ भारी आक्रोश है। अब अभ्रक क्षेत्र के लोग आर-पार की लड़ाई का मन बना चुके हैं। झारखंड लोकतांत्रिक मंच के संयोजक अशोक वर्मा ने आरोप लगाया कि प्रशासन की मिलीभगत से वन क्षेत्र में दर्जनों जगह अभ्रक माफिया गिरोह खुलेआम अवैध खनन करवा रहा है। प्रशासन अपने काले करतूतों पर पर्दा डालने के लिए ढिबरा चुन कर किसी तरह पेट पाल रहे गरीब मजदूरों पर कहर बरपा रही है। प्रशासन की इस दोहरी नीति के खिलाफ एकजुट होना होगा और अभ्रक उद्योग को कानूनी दर्जा मिलने तक संघर्ष जरी रखना होगा। मोर्चा के नेताओं ने बताया कि महाधरना को सफल बनाने के लिए जिले के अभ्रक क्षेत्र का सघन दौरा किया जा रहा है। 15 मार्च को आयोजित महाधरना में बतौर मुख्य अतिथि मोर्चा के संरक्षक पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय शामिल होंगे। इनके अलावा झारखंड की लड़ाकू सामाजिक कार्यकर्ता दयामनी बारला, सीपीएम नेता प्रकाश विप्लव समेत सूबे के कई राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ता महाधरना में शामिल होंगे और इस आंदोलन को मजबूत करेंगे।