बेरमो और दुमका में शांतिपूर्ण संपन्न हुआ मतदान
- दुमका में 65.27 फीसदी तो बेरमो में 60.20 फीसदी हुई वोटिंग
- कोविड-19 प्रॉटोकोल का पालन करते हुए लोगों ने किया मतदान
- सुबह सात बजे से दुमका और बेरमो में शुरू हुई थी वोटिंग
- 10 नवंबर को आएंगे उपचुनाव के नतीजे
- मतदाताओं की थर्मल स्कैनर से बॉडी टेंप्रेचर की की गई जांच
बेरमो/दुमका/गिरिडीह। बेरमो और दुमका में मंगलवार को शांतिपूर्ण ढंग से उपचुनाव संपन्न हो गया। दुमका में 65.27 फीसदी मतदान हुआ। वहीं बेरमो में 60.20 फीसदी वोटिंग हुई। दोनों ही विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं में वोटिंग को लेकर सुबह से ही खासा उत्साह देखने को मिला। मतदान समाप्त होने पर दुमका में इतना प्रतिशत और बेरमो में इतना प्रतिशत मतदान हुआ। मतदान के दौरान मतदाताओं ने कोविड-19 को लेकर बनाये गये नियमों का पूरी तरह से पालन करते देखे गये। बूथ पर वोटरों को सोशल डिस्टेंस बनाए रखने वाले गोल घेरे में कतारबद्ध करने की व्यवस्था की गई थी। मतदानकर्मी मास्क, फेस शील्ड व हैंड ग्लब्स पहन कर मतदान करवाते नजर आए। मतदाताओं की थर्मल स्कैनर से बॉडी टेंप्रेचर की जांच की भी व्यवस्था की गई थी। बेरमो में मतदान शाम को चार बजे समाप्त हो गया। इस दौरान बेरमो में 16 प्रत्याशियों ने तथा शाम पांच बजे दुमका में समाप्त हुए मतदान के बाद 12 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद किया गया। 10 नंवबर को ईवीएम खुलने के साथ ही चुनाव परिणाम से सभी प्रत्याशियों के किस्मत का फैसला सामने आयेगा।
एनडीए और युपीए में सीधी टक्कर
दोनों ही विधानसभा क्षेत्रों में मुख्य मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के बीच देखा गया। दोनों ही गठबंधन पूरी तरह से आमने-सामने हैं और इस बार तीसरा कोण दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहा है। उपचुनाव को लेकर दोनों ही विधानसभा क्षेत्रों में एनडीए और यूपीए ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। दोनों ही क्षेत्र में दिलचस्प मुकाबले की उम्मीद की जा रही है। दुमका में भाजपा की लुईस मरांडी और झामुमो के बसंत सोरेन के बीच सीधा मुकाबला है, तो बेरमो में कांग्रेस के कुमार जय मंगल और भाजपा के योगेश्वर महतो बाटुल के बीच सीधी टक्कर है।
इस कारण से हुए उपचुनाव
पूर्व मंत्री राजेंद्र प्रसाद सिंह के निधन की वजह से बेरमो विधानसभा क्षेत्र खाली हो गया था। इसकी वजह से वहां पर उपचुनाव हुआ। जबकि दुमका में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा दुमका सीट खाली किये जाने के कारण उपचुनाव हुआ। हालांकि इस उपचुनाव में सुबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ-साथ पूर्व मुख्यमंत्री सह विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह सांसद दीपक प्रकाश की प्रतिष्ठा भी दांव पर है।